लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में फरवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के तैयारियों की समीक्षा की। समिट आयोजन के रोडमैप के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ की आकांक्षाओं को उड़ान देने वाली होगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के संबंध में मुख्यमंत्री जी द्वारा निम्न दिशा-निर्देश दिए गए..

1- आदरणीय प्रधानमंत्री जी के “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” के मंत्र को आत्मसात करते हुए उत्तर प्रदेश देश में औद्योगिक निवेश के ‘ड्रीम डेस्टिनेशन’ के रूप में उभर कर आया है। उत्तर प्रदेश, देश की 06वीं अर्थव्यवस्था से दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।

2- आगामी 10, 11 और 12 फरवरी 2023 को उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रहा है। इस बार हमें ₹10 लाख करोड़ के निवेश के लक्ष्य के साथ काम करना होगा। यह तीन दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट अभूतपूर्व होगा, ऐतिहासिक होगा और नए “उत्तर प्रदेश की आकांक्षाओं को उड़ान” देने वाला होगा।

3- यह सुखद है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पार्टनर कंट्री के रूप में अपनी सहभागिता के लिए सिंगापुर, फ्रांस, यूके और मॉरीशस ने स्वतःस्फूर्त से प्रस्ताव भेजा है। इसी प्रकार, नीदरलैंड, कनाडा, यूएसए, जापान, इजरायल, स्वीडन, थाईलैंड, फ्रांस और सिंगापुर के राजदूतों/उच्चायुक्तों से भी संवाद बनाया जाए।

4- उत्तर प्रदेश का यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश की ब्रांडिंग का शानदार मंच होगा। दुनियाभर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने के लिए समिट के पहले विभिन्न देशों में रोड शो आयोजित करने की तैयारी करें। रोड शो आयोजन में फिक्की और सीआईआई जैसे औद्योगिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। इन देशों के औद्योगिक संगठनों से भी संवाद किया जाए।

5- रोड शो के माध्यम से विभिन्न देशों के औद्योगिक जगत में उत्तर प्रदेश के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए अनुकूल माहौल तैयार हो सकेगा। रोड शो के लिए देशों और शहरों का चयन करते हुए विस्तृत रूट तय कर लिया जाए। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।

6- अंतरराष्ट्रीय रोड शो में माननीय मंत्रीगण का उत्तर प्रदेश के ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में जाएंगे। रोड शो का रूट तय करते हुए संबंधित देश से जिस सेक्टर में निवेश संभावित हो, उस सेक्टर के विशेषज्ञों को टीम में शामिल करें। मंत्रीगणों के नेतृत्व में जाने वाले समूह का निर्धारण जल्द कर लिया जाए। रोड शो भव्य हो, हमें प्रदेश के बेहतरीन औद्योगिक माहौल के साथ-साथ अपनी संस्कृति की भी ब्रांडिंग करनी चाहिए।7- अंतरराष्ट्रीय रोड शो के साथ-साथ दिल्ली अहमदाबाद, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में भी रोड शो आयोजित किया जाए। इस संबंध में आवश्यक तैयारी समय से पूरी कर ली जाए।

8- आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश ने अपनी औद्योगिक निवेश नीतियों को व्यवहारिक बनाया है। प्रदेश हित का ध्यान रखते हुए औद्योगिक जगत से संवाद करते हुए नीतिगत सुधारों का क्रम सतत जारी रखा जाए। प्रदेश की नई औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति के साथ-साथ ईवी पॉलिसी, टॉय, टेक्सटाइल, फार्मा, स्टार्टअप, डेटा सेंटर, ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी सहित 30 से अधिक सेक्टरोल पॉलिसी को इन्वेस्टर्स समिट से पहले तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। नीतियां तैयार करते समय यह ध्यान रखें कि पॉलिसी के प्रावधान प्रैक्टिकल हों, रोजगार सृजित करने वाले हों और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करती हों।

9- औद्योगिक इकाइयों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है। समिट से पहले हम लैंड बैंक को और विस्तार देना होगा, ताकि जो भी निवेशक यहां आएं तो उन्हें निवेश के लिए भूमि की कोई समस्या न हो। इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।

10- जीआईएस-2023 के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए अलग-अलग टीमें गठित की जाएं। सभी सम्बंधित विभाग युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दें। भारत सरकार से संवाद बनाकर आवश्यक मार्गदर्शन प्राप्त करें।

11- प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर बिना बिलंब यथोचित समाधान किया जाए।


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