अरब अमीरात (यूएई) से मिले 18,590 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरते दिखाई दे रहे हैं
- प्रदेश में रोजगार के 20 हजार से ज्यादा अवसर होंगे सृजित
- 21,622 करोड़ रुपये के 25 लेटर ऑफ इंटेंट हुए थे प्राप्त
लखनऊ। दुनिया भर के निवेशकों को उत्तर प्रदेश लाने की योगी सरकार की मुहिम रंग ला रही है। विदेश दौरों पर गई टीम योगी को मिले लेटर ऑफ इंटेंट फरवरी में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेटर्स समिट से पहले ही एमओयू में तब्दील होने लगे हैं। अकेले सयुंक्त अरब अमीरात (यूएई) से मिले 18,590 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरते दिखाई दे रहे हैं।
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के नेतृत्व में यूएई गई टीम योगी ने वहां के विदेश व्यापार राज्य मंत्री डॉ थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी से मुलाकात की थी। इस दौरान यूएई में हुए विभिन्न कार्यक्रमों में कुल 21,622 करोड़ रुपये के 25 लेटर ऑफ इंटेंट मिले थे। इनमें से 6 कम्पनियों और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 18,590 करोड़ रुपये के एमओयू साइन हो चुके हैं। इससे प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं बाकी बची 19 कम्पनियों से एमओयू साइन होने की प्रक्रिया चल रही है।
अक्षय ऊर्जा में निवेश करेंगी दो कम्पनियां
अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में आस्था ग्रीन एनर्जी वेंचर तथा श्री सिद्धार्थ इन्फ्राटेक एंड सर्विसेस क्रमशः 4480 और 8000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इन दोनों कम्पनियों का उत्तर प्रदेश सरकार से एमओयू हो चुका है। इससे 2560 एवं 4800 नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
लॉजिस्टिक पार्क में ये कम्पनियां करेंगी निवेश
लॉजिस्टिक पार्क सेक्टर में शरफ ग्रुप और हिंदुस्तान पोर्ट निवेश करेंगी। ये कम्पनियां प्रदेश में क्रमशः 1300 और 210 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे 1500 एवं 1000 रोजगार उपलब्ध होंगे।
रिटेल और शिक्षा में लुलु और शोभा
रिटेल और फूड प्रोसेसिंग में लुलु ग्रुप 4500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इससे 10000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। वहीं शोभा रियलटी शिक्षा और सीएसआर में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इससे 250 रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
7.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मिले हैं निवेश प्रस्ताव
फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले 16 देशों की यात्रा करने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की आठ टीमों को अबतक 7.12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का सबसे बड़ा हिस्सा यूनाइटेड किंगडम (यूके) और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) से प्राप्त हुआ है।
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