सीएम योगी ने अधिकारियों को किसी महीने 15 तारीख को अवकाश होने पर अगले कार्य दिवस में निक्षय दिवस मनाने के दिए निर्देश

लखनऊ, योगी सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए कमर कस ली है। ऐसे में, प्रदेश के सभी जिलों में टीबी को लेकर जागरूकता फैलाने और मरीजों की स्क्रीनिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीबी मरीजों की शीघ्र पहचान, गुणवत्तापूर्ण इलाज और योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हर माह की 15 तारीख को प्रदेश के सभी जिला अस्पताल, ब्लाॅक स्तर पर पीएचसी पर निक्षय दिवस मनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अगर किसी महीने में 15 तारीख को अवकाश होता है तो अगले कार्य दिवस में निक्षय दिवस मनाया जाए।

जनपद, ब्लॉक स्तरीय पीएचसी और आयुष्मान भारत हेल्थ एंड सेंटर में मनाया जाएगा निक्षय दिवस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने मंगलवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है। इसके माध्यम से उन्होंने अवगत कराया है कि टीबी एक प्रमुख सामाजिक समस्या है। भारत विश्व के 20 फीसद रोगियों के साथ सबसे अधिक टीबी ग्रसित व्यक्तियों का देश है। प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 5.5 लाख अधिसूचनाओं का लक्ष्य केंद्र सरकार द्वारा तय किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ही प्रदेश की स्वास्थ्य इकाइयों पर सामूहिक प्रयास की जरूरत है। सीएम योगी ने सेंट्रल टीबी डिविजन के निर्देशों के अनुक्रम में टीबी रोगियों के पूर्ण स्वस्थ होने के लिए गुणवत्तापूर्ण सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में हर माह की 15 तारीख को जनपद एवं ब्लाक स्तरीय पीएचसी और आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस मनाया जाएगा।

निक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया से करें प्रचारित
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि निक्षय दिवस से पहले आशा बहनें हर-हर घर भ्रमण कर टीबी के बारे में और दिवस के आयोजन के बारे में समुदाय को जागरूक करें। स्वास्थ्य इकाइयों पर एलईडी के जरिये टीबी के बारे में जागरूकता सम्बन्धी फिल्म भी प्रसारित करने के साथ निक्षय दिवस की उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शित किया जाए। आशा बहनें संभावित टीबी मरीजों की सूची तैयार कर उन्हें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर तक लाने का कार्य करें। उन्हाेंने कहा कि कम्युनिटी हेल्थ आॅफिसर (सीएचओ) द्वारा मरीजों की प्रारम्भिक जांच ( उपलब्धता के आधार पर) एचआईवी, डायबिटीज और अन्य जांच सुनिश्चत करें। इसके अलावा, बलगम का नमूना लिया जाये और उसे निक्षय पोर्टल पर प्रिजमिटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाए। निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की जाये। सीएचओ और आशा द्वारा निक्षय दिवस पर मिलने वाली सुविधाओं का प्रचार-प्रसार युद्धस्तर पर किया जाए। सीएचओ जांच में टीबी की पुष्टि वाले मरीजों के परिवार के अन्य सदस्यों की भी टीबी स्क्रीनिंग सुनिश्चित करें। आशा बहनें निक्षय दिवस पर टीबी मरीजों के बैंक खाते का विवरण आशा संगिनी को मुहैया कराएं और आशा संगिनी सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) को निक्षय पोर्टल पर दर्ज कराने को दें। इस दिवस पर प्राइवेट प्रैक्टिशनर को टीबी नोटिफिकेशन, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और फॉलोअप के लिए प्रेरित किया जाए।

इन विषयों पर रहेगा फोकस

  1. निक्षय दिवस पर स्वास्थ्य इकाई पर आने वाले संभावित टीबी मरीजों की सूची के अनुसार उनकी जांच करायी जाएगी, एचआईवी-डायबिटीज की भी जांच होगी
  2. स्वास्थ्य इकाइयों पर सम्भावित मरीजों के बैठने की खुली जगह हो और इकाई के बाहर खुले स्थान पर बलगम के नमूने लेने के लिए कफ कार्नर बनाये जाएं
  3. क्षय रोगियों के लिए हर जरूरी दवाएं मुफ्त उपलब्ध हों
  4. स्वास्थ्य इकाई पर टीबी की जांच, उपचार के बारे में परामर्श की व्यवस्था की जाए
  5. जनपद स्तर पर सीएमओ की अध्यक्षता में हर माह की 16 तारीख को मासिक बैठक कर निक्षय दिवस के समस्त कार्यों की समीक्षा हो और समस्त प्रकरणों का निस्तारण किया जाए और अगले दिन उस बारे में जिलाधिकारी को अवगत कराया जाए

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