1973 मे केरल हाई कोर्ट की पहली महिला जज और 1989 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज के रूप में नियुक्त किया गया

नई दिल्ली, भारत की पहली महिला सुप्रीम कोर्ट जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति फातिमा बीवी का बृहस्पतिवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 91 वर्ष की थीं।

न्यायमूर्ति बीवी का जन्म 1932 में केरल के कोझिकोड जिले में हुआ था। उन्होंने 1954 में त्रिवेंद्रम लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने केरल हाई कोर्ट में वकालत शुरू की।

1973 में, उन्हें केरल हाई कोर्ट की पहली महिला जज के रूप में नियुक्त किया गया। 1989 में, उन्हें सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज के रूप में नियुक्त किया गया।

न्यायमूर्ति बीवी ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की। उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले दिए, जिनमें से कुछ ने भारतीय कानून के विकास को प्रभावित किया।

न्यायमूर्ति बीवी एक सच्ची पथप्रदर्शक थीं। उन्होंने महिलाओं के लिए कानूनी क्षेत्र में एक मजबूत आधार बनाया। उनकी मृत्यु भारत के लिए एक बड़ी क्षति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक

न्यायमूर्ति बीवी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, “न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीवी के निधन से दुखी हूं। वह एक सच्ची पथप्रदर्शक थीं और उनकी उल्लेखनीय यात्रा ने कई बाधाओं को तोड़ा तथा महिलाओं को बेहद प्रेरित किया। विधिक क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार एवं दोस्तों के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।”

न्यायपालिका और कानूनी क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा

न्यायमूर्ति बीवी के निधन से न्यायपालिका और कानूनी क्षेत्र को एक बड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। वे महिलाओं के लिए एक प्रेरणा थीं और उन्होंने कानूनी क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए काम किया।

न्यायमूर्ति बीवी को हमेशा याद किया जाएगा।


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