- घायलों से मिले सीएम योगी, मुफ्त इलाज के दिये निर्देश
- सभी अस्पताल, नर्सिंग होम, होटलों की जांच के आदेश
- प्राथमिकता के आधार पर फायर ऑडिट, सुरक्षा और निकासी की होगी जांच
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ के एक होटल में आग लगने से लोगों की मौत पर गहरा दु:ख और चिंता व्यक्त किया है। उन्होंने आग के कारणों का पता लगाने के लिए संभागीय आयुक्त और लखनऊ के पुलिस आयुक्त द्वारा संयुक्त जांच के आदेश दिये हैं। अग्निकांड में झुलसे घायलों का हालचाल जानने के सीएम योगी ने सिविल अस्पताल का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों को घायलों के उचित और मुफ्त इलाज के निर्देश दिये।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा तंत्र की विस्तृत भौतिक जांच करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जहां भी आवश्यक हो, किसी भी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए सिस्टम को अपडेट किया जाए।
सीएम की ओर से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) का उपयोग करने से लेकर सभी तहसीलों में फायर टेंडर की सुविधा सुनिश्चित करने तक के निर्देश जारी किये गये हैं। सभी स्थानों पर सावधानी बरतने और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की भौतिक समीक्षा करने के भी निर्देश दिये गये हैं।
अग्निशमन सेवा के महानिदेशक अविनाश चंद्र ने बताया कि घटना के मद्देनजर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार 5 और 6 सितंबर को राज्य के सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम और होटलों में अग्नि परीक्षण, सुरक्षा और निकासी के संबंध में अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दौरान लोगों में अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता भी पैदा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुरूप राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करते हुए अग्निशमन विभाग समय-समय पर अग्नि लेखा परीक्षा, सुरक्षा और निकासी पूर्वाभ्यास और मॉक ड्रिल आयोजित करता रहा है।
अधिकारी के अनुसार पिछले पांच महीनों में सभी स्थानों पर अग्नि सुरक्षा और विद्युत सुरक्षा तंत्र को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए, बैंकों, स्कूलों, कोचिंग संस्थानों, अस्पतालों, नर्सिंग होम, मॉल और मल्टीप्लेक्स सहित विभिन्न स्थानों पर साप्ताहिक फायर ऑडिट और मॉक ड्रिल किये गये हैं। इनमें औद्योगिक प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, सरकारी भवन, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई के आवासीय अपार्टमेंट, पटाखों के भंडारण घर, बिजली संयंत्र, हवाई अड्डे और मेट्रो स्टेशन आदि शामिल हैं।
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