मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने बुधवार को लोकभवन में नवसृजित, विस्तारित अथवा उच्चीकृत नगरीय निकायों के विकास कार्यों की समीक्षा की इस अवसर पर उन्होंने निम्न दिशा-निर्देश दिए

■ प्रदेश के समग्र विकास के लिए शहरीकरण एक अहम आयाम है। हाल के दिनों में व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा विस्तार की कार्यवाही हुई है, साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी गठित हुए हैं। अब इन क्षेत्रों में बुनियादी नगरीय सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए विशेष प्रयास किया जाना आवश्यक है।

■ नवसृजित, विस्तारित अथवा उच्चीकृत नगरीय निकायों में मूलभूत नागरिक सुविधाओं के विकास के लिए ‘मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’ प्रारंभ करने की तैयारी करें। यह योजना इन नवीन नगरीय क्षेत्रों में सीवरेज, पेयजल, पार्किंग, स्वच्छता, चौराहों का सुंदरीकरण, मार्ग प्रकाश, सामुदायिक केंद्र, सड़क निर्माण, स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना के लिए उपयोगी होगी। इस सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए।

■ ‘मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना’  के तहत होने वाले कार्यों की सूक्ष्मता से मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। कार्य में पारदर्शिता और गुणवत्ता होनी चाहिए। बदलाव ऐसा हो जिससे कि आम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हो। लोगों को सुखद अनुभव हो। निर्माण एवं विकास कार्यों में नवाचार प्री फैब/प्री कॉस्ट कंक्रीट निर्माण तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए।

■ क्षेत्रीय जरूरत के मुताबिक नवीन नगरीय निकायों के सृजन, सीमा विस्तार के प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। प्रस्ताव तैयार करते समय क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की भावना का ध्यान रखा जाए।


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