-खेल एवं युवा कल्याण मंत्री ने सपा प्रमुख पर कसा तंज, कहा-हास्यास्पद बयानों की वजह से राहुल गांधी जैसा हो गया है अखिलेश यादव का हाल

-योगी आदित्यनाथ की सरकार में दलितों और वंचितों का हुआ है उत्थान, पहले की तुलना में आया है जीवन स्तर में सुधार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सामाजिक भेदभाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि सपा प्रमुख विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद बहक गए हैं। उनका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है और इसका असर उनके बयानों में नजर आ रहा है। वो उत्तर प्रदेश में बीते 5 वर्षों में आए बदलाव को जानबूझकर महसूस नहीं कर रहे हैं। उनकी मनोस्थिति राहुल गांधी की तरह हो गई है। जिस तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनके बयानों की वजह से देश की जनता गंभीरता से नहीं लेती, उसी तरह अखिलेश यादव भी अपने हास्यास्पद बयानों की वजह से साख खो चुके हैं।

अखिलेश यादव के इस बयान का असर सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला। ट्विटर पर दिनभर #समाजद्रोही_अखिलेश ट्रेंड करता रहा। यहां भी ज्यादातर लोग अखिलेश यादव के बचकाने बयानों पर चुटकी लेते नजर आए।

अखिलेश को नकार चुकी है जनता
गौरतलब है कि मंगलवार को अखिलेश यादव पार्टी कार्यालय में कमल किशोर कठेरिया की एक किताब का विमोचन कर रहे थे। तब उन्होंने कहा कि भारत जैसा सामाजिक भेदभाव दुनिया में कहीं नहीं है। यहां धर्म बदल जाता है, जाति नहीं। पिछड़ों, दलितों, वंचितों को उनका हक और सम्मान दिलाने की यह लड़ाई लंबी और कठिन जरूर है पर उम्मीद है कि हम यह लड़ाई जीतेंगे। अखिलेश के इस बयान पर गिरीश चंद्र यादव ने कहा, उनकी समस्या ये है कि वो अब तक खुद को प्रदेश का मुख्यमंत्री ही समझते हैं। उन्हें समझना चाहिए कि उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ जी के सुरक्षित हाथों में है। उत्तर प्रदेश के वोटरों ने लगातार दूसरी बार उनकी विचारधारा, उनके बयानों और उनकी छवि को नापसंद कर दिया है। उन्हें जनादेश का सम्मान करते हुए झूठ बोलने की आदत पर विराम लगाना चाहिए। क्योंकि उनके झूठ से अब जनता पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला और न ही उनका कुछ भला होने वाला है।

दलितों-वंचितों को केंद्र में रखकर बन रहीं योजनाएं
गिरीश चंद्र यादव ने कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार लगातार दलितों और वंचितों के हितों के लिए काम कर रही हैं। प्रदेश में जितनी भी योजनाएं चलाई जा रही हैं, उनके केंद्र बिंदु में दलित, पिछड़े और वंचित समाज ही है और उन्हें न सिर्फ पूरे सम्मान के साथ इसका फायदा मिला है, बल्कि उनके जीवन स्तर में पहले की तुलना में काफी बदलाव आया है। उन्हें शिक्षा से लेकर नौकरियों तक में प्रमुखता दी जा रही है। प्रदेश सरकार के कार्यों और योजनाओं में सामाजिक न्याय की प्रवृत्ति प्रबल रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी जी को प्रत्येक धर्म, जाति, तबके का वोट मिला है। पूरा प्रदेश जानता है कि अखिलेश यादव सिर्फ दलितों और वंचितों की बात करते हैं, लेकिन अपने कार्यकाल में उन्होंने न उनके लिए कुछ किया और न ही उनकी कभी ऐसी नीयत रही है।


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