- एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान को लेकर लखीमपुरवासियों में रोष, टिकैत के खिलाफ की नारेबाजी
- तीन दिवसीय धरना पहले ही हुआ खत्म, प्रदेश के किसानों ने बनाई दूरी, दूसरे राज्यों के भरोसे नहीं चल पाया राकेश टिकैत का धरना
- पंजाब के 90 फीसदी, हरियाणा और दिल्ली सहित अन्य राज्यों के किसानों ने धरने में लिया हिस्सा
लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान को लेकर लखीमपुरवासियों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने टिकैत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। मामले में कोतवाली पुलिस को राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है। हालांकि पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया है।
लखीमपुर में संयुक्त किसान मोर्चा का विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिवसीय धरना 19 से 21 अगस्त तक प्रस्तावित था। धरने में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के किसान पहुंचे थे। जबकि प्रदेश के किसानों के अलावा लखीमपुरखीरी के किसानों ने भी दूरी बना ली थी। इसे लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इसी मामले में एक टीवी चैनल पर राकेश टिकैत ने लखीमपुरवासियों की तुलना डॉगी से कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही लखीमपुरवासियों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने राकेश टिकैत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला फूंका। साथ ही पूरे मामले को लेकर राकेश टिकैत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कोतवाली थाने में तहरीर दी है। फिलहाल, पुलिस ने मामले में मुकदमा नहीं दर्ज किया है।
डीएम लखीमपुर खीरी महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि धरने को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने पहले से पुख्ता तैयारी की थी। किसान नेताओं से कई राउंड बातचीत के बाद धरना एक दिन पहले ही समाप्त हो गया है। उन्होंने टिकैत के बयान पर कहा कि उन्हें मामले की जानकारी है। पुलिस अपने स्तर से मामले में न्यायोचित और विधिक कार्यवाही करेगी।
धरने के पहले ही दिन चली गईं मेधा पाटकर
लखीमपुर डीएम की सूझ बूझ के कारण बड़ा विवाद टल गया और संयुक्त किसान मोर्चे का धरना एक दिन पहले ही खत्म हो गया। स्थानीय किसानों का समर्थन नहीं मिलने के कारण धरना महज खानापूर्ति तक ही सीमित रहा। धरने के दूसरे दिन योगेंद्र यादव भी नहीं दिखे। जबकि मेधा पाटकर पहले दिन ही मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गई थीं।
टिकैत पर तहरीर में कई गंभीर आरोप
कोतवाली थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि एक चैनल के साक्षात्कार में राकेश टिकैत ने कहा कि मेरा धरना 75 घंटे का है। लखीमपुर के किसान डरते हैं। यह गुंडों का राज है। हम लोगों को कुत्ते से तीन हाथ और खराब नस्ल के लोगों से 11 हाथ दूर रहना चाहिए। नहीं तो यह लोग काट लेते हैं। ऐसे ही लखीमपुर जनपद के लोग हैं। यह बदमाशों की सरकार है। इसके अलावा तहरीर में कई और गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
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