योगी के यूपी में गुमनाम नायकों के सम्मान का अमृत काल

लखनऊ : कोतवाल धन सिंह गुर्जर, जयदेव कपूर, शिव वर्मा, अजीजन बाई, राजा महेंद्र प्रताप सिंह, महाराजा सुहेलदेव, राना बेनीमाधव बख्श सिंह… 04-05 वर्ष पूर्व तक ज्यादातर लोगों के लिए यह अनजान नाम हुआ करते थे। स्वतन्त्रता दिवस, गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व हों या फिर स्कूली पाठ्यक्रम, आजादी के इन नायकों का न तो कहीं जिक्र था, न कभी इनके स्मारकों पर किसी ने फूल माला चढ़ाने की सोची। लेकिन आज जबकि पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव के उल्लास में आनंदित है तो उत्तर प्रदेश ऐसे महानायकों की न केवल पहचान हो रही है, बल्कि उनकी यशोगाथा आम आदमी की जुबान पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आज उत्तर प्रदेश में आजादी के गुमनाम नायकों की पहचान और उनके वास्तविक सम्मान को दिलाने की एक मुहिम सी चल रही है। संस्कृति विभाग ऐसे गुमनाम नायकों की खोज कर रहा है तो शिक्षण संस्थानों में शोध-अध्ययन भी हो रहे हैं।

इस मुहिम से सीएम योगी के जुड़ाव को इसी बात से समझा जा सकता है कि बीते कुछ दिनों में सीएम जब भी जनता से मुखातिब हुए, उन्हें इस अभियान से जुड़ने को प्रेरित जरूर किया। बुधवार को रायबरेली में राना बेनीमाधव बख्श सिंह की 218वीं जयंती पर श्रद्धासुमन चढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने गुमनाम नायकों की तलाश के लिए लोककथाओं, लोकगीतों के अध्ययन के लिए लोगों को प्रेरित किया। राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर स्थापित हो रहे अलीगढ़ राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था “भारत का हजारों वर्षों का इतिहास ऐसे राष्ट्रभक्तों से भरा है, जिन्होंने समय-समय पर भारत को अपने तप और त्याग से दिशा दी है। हमारी आजादी के आंदोलन में ऐसे कितने ही महान व्यक्तित्वों ने अपना सब कुछ खपा दिया। लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद ऐसे राष्ट्र नायक और राष्ट्र नायिकाओं की तपस्या से देश की अगली पीढ़ियों को परिचित ही नहीं कराया गया। उनकी गाथाओं को जानने से देश की कई पीढ़ियां वंचित रह गईं।” योगी के यूपी में आज इन गलतियों का परिमार्जन हो रहा है। महाराजा सुहेलदेव जी हों, दीनबंधु चौधरी छोटूराम जी हों, या फिर अब राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी, राष्ट्र निर्माण में इनके योगदान से नई पीढ़ी को परिचित कराने का ईमानदार प्रयास आज हो रहा है। विशेष तिथियों पर सोशल मीडिया के माध्यम से भी सीएम योगी आम जन को ऐसी विभूतियों से परिचित कराते हैं, तो जिलों के दौरों पर शहीद स्मृति स्थलों पर जाकर पुष्पार्चन करना नहीं भूलते।


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