–सुरक्षा गार्ड प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में बोले सीएम योगी
–यूपी के सभी पीआरडी जवानों को देंगे वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग
-राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर चलाया जाएगा ट्रेनिंग कार्यक्रम
-सुरक्षा-संरक्षा से जुड़ी निजी एजेंसियों को भी ट्रेनिंग देने की तैयारी
-साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और फॉरेंसिक जैसे विषयों की दी जाएगी ट्रेनिंग
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और संरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों को प्रदेश सरकार वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग प्रदान करने की तैयारी कर रही है। सरकार इसके लिए राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर प्रदेश में क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना करेगी। गुरुवार को अमृत कौशल विकास योजना ‘सुरक्षार्थ’ के अंतर्गत प्रदेश में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 250 युवाओं को सर्टिफिकेट प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि आज अपराध की प्रकृति तेजी से बदल रही है, लिहाजा हमें भी अपने आप को समय के अनुरूप ढालना होगा।
ग्लोबल रैंकिंग को ध्यान में रखते हुए बढ़ा रहे कदम
लोकभवन में आयोजित समारोह में उपस्थित प्रशिक्षण प्राप्त पीआरडी के जवानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे ऋषियों ने कहा है कि ‘अयोग्य: पुरुषो नास्ति: योजकस्तत्र दुर्लभ’, अर्थात कोई व्यक्ति अयोग्य नहीं है, बशर्ते उसे कोई योग्य प्रशिक्षक मिल जाए। सीएम योगी ने कहा कि सुरक्षा के क्षेत्र में आतंरिक और बाह्य चुनौतियां होती हैं। अबतक प्रोफेशनल रूप से दक्ष हमारे अधिकारी और जवान ही ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते थे, मगर अब हम ग्लोबल रैंकिंग को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और संरक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रोफेशनल ट्रेनिंग प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। देश में पहली बार ऐसा हुआ है जब पीएम के प्रयासों से निजी क्षेत्र के सुरक्षा गार्डों का प्रशिक्षण कार्य आरंभ हुआ है। इसके लिये हम राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हैं।उन्होंने कहा कि हम यूपी में पुलिस एंड फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट की स्थापना भी कर रहे हैं, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय के साथ एमओयू साइन करके पुलिसकर्मियों को वर्ल्डक्लास ट्रेनिंग प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा।
प्रदेश के सभी पीआरडी जवानों को देंगे ट्रेनिंग
गुजरात के गांधीनगर में स्थापित राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर यूपी में कार्यरत निजी और सरकारी सुरक्षा एजेंसियों की ट्रेनिंग और मॉर्डनाइजेशन के लिये प्रदेश सरकार तैयार है। इसके तहत प्रदेश में विश्वविद्यालय का क्षेत्रीय कार्यालय खोला जाएगा। इसमें सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े जवानों को बॉर्डर एरिया कंट्रोल, ट्रैफिक मैनेजमेंट, बड़े आयोजन के मैनेजमेंट, लॉ इन्फोर्समेंट, फॉरेंसिंक एक्सपर्टीज, रियल टाइम एलर्ट, जीआईएस, स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट, फायरमैन ट्रेनिंग, साइबर सिक्योरिटी, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस जैसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी पीआरडी जवानों को सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग देकर उनके स्किल को डेवलप करना हमारा लक्ष्य है। इसके अलावा निजी एजेंसियों के जवानों को भी यहां ट्रेनिंग दी जाएगी।
निजी सुरक्षागार्ड डेवलप कर सकेंगे स्किल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा विश्वविद्यालय से ट्रेनिंग लेने वाले निजी सुरक्षागार्ड भी पूरी तरह से स्किल्ड और प्रोफेशनल होंगे, जिससे उनकी डिमांड सबसे ज्यादा होगी। सरकार हर व्यक्ति को सरकारी सुरक्षा नहीं दे सकती, ऐसे में प्राइवेट एजेंसियों और उनसे जुडे जवानों के पास ये ट्रेनिंग सेंटर एक बेहतरीन अवसर है, जहां उन्हें विश्वस्तरीय ट्रेनिंग के साथ ही डिग्री और डिप्लोमा का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। ये स्किल डेवलपमेंट का एक बेहतर माध्यम है। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षण युवाओं के लिये स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करेगा और उन्हें आगे बढ़ने के लिये मंच प्रदान करेगा।
स्किल डेवलपमेंट पर सरकार का सबसे ज्यादा जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2014 के बाद से देश में स्किल डेवलपमेंट को लेकर बहुत कार्य हुआ है। यूपी में भी हमने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत परंपरागत पेशे से जुड़े लोगों के लिये स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रम चलाये हैं। इसका नतीजा है कि आज परंपरागत पेशे से जुड़े लोग ना सिर्फ अपना सफल व्यवसाय कर रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
समारोह में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विमल एन पटेल, खेल व युवा कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान, अपर मुख्य सचिव, युवा कल्याण डिंपल वर्मा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे।
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