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Festivals :कुम्हारों के घरों में समृद्धि का दीप जला रहा दीपोत्सव

खिलौने बेच कर अपनी जीविका चलाने वाले कुम्हारों के लिए भी दीपावली आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने वाला त्योहार है

अयोध्या। दीपोत्सव सिर्फ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को ही नहीं समृद्ध कर रही, बल्कि कुम्हारों को आर्थिक स्वावलंबन से भी जोड़ रही है। योगी सरकार का दीपोत्सव एक ओर जहां अयोध्या की समृद्धशाली अतीत के जरिये गौरवशाली वर्तमान बना रहा है, वहीं कुम्हारों के घरों में भी समृद्धि का दीप जला रहा है।
दीपोत्सव में लाखों दीए जलाए जाते हैं, जिससे कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों को आर्थिक स्वालंबन के तहत भी जोड़ा जा रहा है। एक ओर जहां दीपावली में मिट्टी के गणेश जी लक्ष्मी जी, कुबेर जी और हनुमान जी की मूर्ति की दुकानें लगाई जाएंगी, जो कुम्हारों के आर्थिक पक्ष को मजबूत करेंगी, वहीं दूसरी तरफ सरकार की ओर से दीपोत्सव में जलाए जाने वाले दीप भी इनके जीवन को उजियारा करेंगे।
दीपोत्सव में चंद दिन बाकी हैं, ऐसे में बाजारों में लगने वाली दुकान जिसमें दीपक, गणेश, लक्ष्मी, कुबेर मिट्टी के आदि खिलौने बेच कर अपनी जीविका चलाने वाले कुम्हारों के लिए भी दीपावली आर्थिक समृद्धि को बढ़ाने वाला त्योहार है, लेकिन दीपोत्सव इसमें चार चांद लगा देता है। दो साल कोरोना काल की वजह से बाजारों में दुकानें नहीं लग पाई थीं, लेकिन इस बार मिट्टी के गणेश- लक्ष्मी जी, कुबेर जी व हनुमान जी की मूर्ति की दुकानें लगाई जाएंगी। दीपोत्सव में इनके दिए भी लिये गए हैं।

कुम्हारों को भी समृद्ध करती है योगी सरकार
अयोध्या में दीपोत्सव का सृजन करने वाली योगी सरकार भी कुम्हारों को भी समृद्ध करती है। हर वर्ष बड़ी संख्या में इनसे दीपक खरीदा जाता है। राम की पैड़ी पर बिछाए जाने वाले दीपक अयोध्या के कुम्हार परिवारों से लिए जाते हैं, ताकि उनके परिवार में भी दीपावली का पर्व खुशहाली से मनाया जा सके। अब ऐसे में परंपरागत प्रजापति परिवार जो इस मिट्टी से बने खिलौने और मूर्तियां दीपक बेचकर के साल भर हुई आमदनी पर अपने परिवार का गुजर-बसर करता था, उसके लिए इस बार दोहरी खुशी है, एक तरफ राम मंदिर में गोबर के दीपक जलाए जाएंगे तो वहीं राम की पैड़ी पर शुद्ध मिट्टी के बने दीपक जलाए जाएंगे।
कुम्हार परिवार का होता है भरण-पोषण
मूर्ति कलाकार ओम प्रकाश प्रजापति ने बताया कि दीपावली पर भगवान की मूर्तियों से होने वाली आय से साल भर परिवार के जीवन का पालन करते हैं। बच्चों का पालन पोषण और पढ़ाई करते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली में ज्यादा खुशियां हैं, इस बार मूर्ति बनाने के ऑर्डर ज्यादा मिले हैं। पिछले साल दुकानदारी कम थी, लेकिन इस बार अच्छी दुकानदारी हो रही है। हम लोग शुद्ध मिट्टी से मूर्ति बनाते हैं।
हीरालाल प्रजापति ने बताया कि दीपोत्सव मनाने से अयोध्या का वैभव वापस आ रहा है, जिससे हम जैसे कुम्हारों के मिट्टी के बर्तन, गणेश लक्ष्मी व खिलौने आदि सामानों की बिक्री भी बढ़ जाती है और हमारा भरण पोषण पूरे वर्ष चलता रहता है।


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