- सरकार की नीतियों का दिखा असर, सात जोन का राजस्व संग्रह लक्ष्य से ज्यादा
- बढ़े राजस्व से प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों और गरीब कल्याण की योजनाओं को मिलेगी और गति
- कर संग्रह में टॉप पर रहा गोरखपुर जोन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आर्थिक नीतियों का असर है कि वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही में प्रदेश के सात जोन जीएसटी और वैट के माध्यम से तय लक्ष्य से ज्यादा का राजस्व प्राप्त करने में सफल रहे। वहीं बाकी के जोन की भी परफॉर्मेंस शत प्रतिशत के ही आस-पास ही रही। बढ़े राजस्व से प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों और गरीब कल्याण की योजनाओं को और गति मिलेगी।
जनता पर बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए और पेट्रोल/डीजल पर देश में सबसे कम वैट लगाकर प्रदेश के राजस्व में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी यह बताती है कि यूपी में कारोबारी माहौल दिन प्रतिदिन बेहतर हो रहा है। राजस्व विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक कर संग्रह के मामले में गोरखपुर जोन का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा। गोरखपुर जोन को पहली तिमाही के लिए 422.24 करोड़ रूपये का लक्ष्य दिया गया था, जिसने 500.39 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर संग्रह किया। इस जोन के राजस्व प्राप्ति का प्रतिशत 118.51% रहा।
कर संग्रह के मामले में दूसरे नम्बर पर अयोध्या जोन रहा, जिसे पहली तिमाही के लिए 344.62 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला था। इसने 385.17 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया। कर संग्रह के मामले में इस जोन का प्रदर्शन 111.77% प्रतिशत रहा। तीसरे नम्बर पर मुरादाबाद जोन रहा, जिसे पहली तिमाही के लिए 280.90 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। इस जोन के प्रदर्शन का प्रतिशत 107.10% रहा और इसने 300.86 करोड़ रुपये का कर संग्रह किया।
बरेली जोन को 329.94 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। प्रदर्शन के मामले में इस जोन ने 348.28 करोड़ रुपये का कर संग्रह कर चौथा स्थान प्राप्त किया। परफॉर्मेंस का प्रतिशत देखा जाए तो इसका 105.56% रहा। पांचवें नम्बर पर वाराणसी-II जोन रहा, जिसे 497.90 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। इस जोन ने 519.07 करोड़ रुपये का कर संग्रह किया। इसका प्रतिशत 104.25% रहा।
राजस्व प्राप्ति के मामले में छठे नम्बर पर गौतमबुद्ध नगर जोन है। इस जोन को 2293.13 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था और इस जोन ने 2367.82 करोड़ रुपये का कर संग्रह किया। लक्ष्य प्राप्ति का इसका प्रतिशत 103.26% रहा। सातवें नम्बर पर वाराणसी-I जोन रहा जिसे 465.70 करोड़ रुपये का लक्ष्य मिला था। इस जोन ने 467.85 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किए। लक्ष्य प्राप्ति का इसका प्रतिशत 100.46 रहा।
पहली तिमाही में यूपी ने लक्ष्य से ज्यादा प्राप्त किया राजस्व
वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में उत्तर प्रदेश ने निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा का राजस्व प्राप्त किया है। सरकार की तरफ से राजस्व विभाग को इस तिमाही के लिए 31786.65 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया था। इसके सापेक्ष विभाग ने 32386.36 करोड़ रुपये का कर संग्रह किया है। उत्तर प्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति का प्रतिशत 101.89% रहा।
जीएसटी पंजीयन में बेहतरीन रहा यूपी का प्रदर्शन
अप्रैल से जुलाई के बीच जीएसटी में नये पंजीयन के मामले में भी उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। इन चार माह में कुल 1,03,052 नये कारोबारियों ने जीएसटी में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। अब प्रदेश में जीएसटी रजिस्टर्ड कुल कारोबारियों की संख्या 26,50,148 हैं।
8430 नये पंजीयन के साथ गोरखपुर जोन पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर वाराणसी-II जोन है, जहां 7865 नये कारोबारियों ने जीएसटी में अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। 7417 नये पंजीयन के साथ अयोध्या तीसरे स्थान पर रहा। वहीं 7187 नये पंजीयन के साथ गौतमबुद्ध नगर चौथे स्थान पर है।
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