- 75 दिवसीय ‘अमृत डोज’ के लिए मिशन मोड में करें प्रयास: मुख्यमंत्री
- कोविड संक्रमण नियंत्रण में, लेकिन सतर्कता-सावधानी जरूरी, बाहर निकलें तो फेस मास्क जरूर लगाएं
- उच्चस्तरीय बैठक में सीएम ने की कोविड संक्रमण की समीक्षा, बचाव के लिए दिए जरूरी दिशा-निर्देश
■ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट और टीकाकरण की रणनीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण के टीके की ‘अमृत डोज’ (बूस्टर/ प्रिकॉशन डोज) दी जा रही है। यह सुखद है कि विगत दिवस आयोजित वृहद बूस्टर डोज अभियान में 16 लाख 16 हजार से अधिक लोगों ने बूस्टर डोज का लाभ लिया।
■ हर प्रदेशवासी को बूस्टर डोज लगाए जाने के लिए प्रत्येक रविवार को प्रदेशव्यापी विशेष अभियान चलाया जाए। बूस्टर डोज पूर्णतः निःशुल्क है। अब तक 01 करोड़ 13 लाख से अधिक लोगों ने निःशुल्क बूस्टर डोज लगवा ली है। बूस्टर डोज के लिए तय 75 दिनों के लक्ष्य के सापेक्ष इसमें तेजी की अपेक्षा है। यह सुनिश्चित कराएं कि प्रत्येक पात्र प्रदेशवासी को मुफ्त बूस्टर डोज जरूर लग जाए। बूस्टर डोज की महत्ता और बूस्टर टीकाकरण केंद्रों के बारे में आमजन को सही जानकारी दी जाए।
■ विगत 20 जुलाई से उत्तर प्रदेश में दैनिक केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है। आगामी दिनों में रक्षाबंधन और जन्माष्टमी जैसे बड़े पर्व हैं। इन पर्वों में लोगों की आवाजाही भी बढ़नी स्वाभाविक है। ऐसे में सतर्कता-सावधानी बहुत जरूरी है। विगत दिवस 1.42% पॉजिटिविटी दर दर्ज की गई। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 5440 है। विगत 24 घंटों में 53 हजार से अधिक टेस्ट किए गए और 732 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 288 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। जनजागरूकता के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग बढ़ाया जाए। लोगों को बताएं कि बिना फेस मास्क के सार्वजनिक स्थानों में न निकलें। वैरिएंट के परीक्षण के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य जारी रखा जाए।
■ देश के कुछ हिस्सों में मंकीपॉक्स संक्रमण के बढ़ते केस को देखते हुए प्रदेश में विशेष सावधानी बरती जाए। मंकीपॉक्स के लक्षण, उपचार और बचाव आदि के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन और भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार आमजन को सही और समुचित जानकारी देते हुए जागरूक किया जाए। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति से परामर्श करें।
■ मनरेगा श्रमिकों का भुगतान उनके बैंक खाते में समयबद्ध ढंग से किया जाए। कार्य की शुचिता और पारदर्शिता के दृष्टिगत प्रत्येक मनरेगा श्रमिक का बायोमेट्रिक सत्यापन कराया जाना सुनिश्चित करायें। 100% बॉयोमेट्रिक सत्यापन के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए।
■ आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत जनसहभागिता के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में 5800 से अधिक ‘अमृत सरोवरों’ के निर्माण कराया गया है। स्वतन्त्रता दिवस के विशेष अवसर पर सभी अमृत सरोवरों पर ध्वजारोहण कराया जाए। लखनऊ स्थित बटलर झील का अमृत सरोवर के रूप में सुन्दरीकरण कराया जाए।
■ बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के उद्देश्य से गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इस संबंध में सौर ऊर्जा एक बेहतर विकल्प है। अतः ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा विभाग द्वारा यथाशीघ्र प्रदेश की नई सौर ऊर्जा नीति तैयार कर प्रस्तुत किया जाए। जो लोग निजी तौर पर भी सौर ऊर्जा विकल्पों को अपना रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
■ बिजली बिल के समयबद्ध भुगतान के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि लोगों को सही बिल मिले और समय पर मिले। ओवरबिलिंग, फाल्स बिलिंग अथवा विलंब से बिल दिया जाना उपभोक्ता को परेशान करती है। इस व्यवस्था में सुधार के लिए बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए ऊर्जा विभाग को ठोस कार्ययोजना बनानी होगी। ग्रामीण इलाकों में विशेष प्रयास की जरूरत है।
■ हाल के दिनों में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से जन-धन के हानि की दुःखद घटनाएं प्रकाश में आई हैं। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए ठोस प्रयास किया जाए।
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