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पीएमजी पोर्टल के माध्यम से अब तक निस्तारित किए गए उत्तर प्रदेश के कुल 274 मामले

बड़े और विवादित मामलों को पीएमजी पोर्टल के जरिए निस्तारित कराने में जुटी है योगी सरकार

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश का हर तबका अपने बेहतर भविष्य को संवरते हुए देख रहा है। सरकार भी जनहित से जुड़े तमाम मामलों को लेकर गंभीर है और उन्हें समयबद्ध तरीके से निस्तारित करके आमजन को राहत दिलाने में जुटी हुई है। इसी क्रम में राज्य परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) पोर्टल पर दर्ज किए गए कुल 322 मामलों में से अब तक 274 का निपटारा किया जा चुका है। गौरतलब है कि पीएमजी पोर्टल पर सभी संबंधित विभाग एवं प्रदेश के समस्त जिलों के जिलाधिकारियों को ऑनबोर्ड करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है।

कई क्रिटिकल मामलों का हुआ निस्तारण
पीएमजी पोर्टल पर दर्ज ऐसे कई मामलों का निस्तारण किया जा चुका है, जो काफी क्रिटिकल थे। इसमें जिला चंदौली के गांव जफरपुर में ईडीफसी परियोजना के अंतर्गत फ्लाई ओवर के निर्माण संबंधी प्रकरण को निस्तारित किया गया। बरेली-सीतापुर एनएच-24 परियोजना में जनपद शाहजहांपुर में प्राचीनतम हनुमान मंदिर को शिफ्ट कराए जाने संबंधी प्रकरण को जनभावना का ध्यान रखते हुए निस्तारित किया गया है। इसके अलावा नेवली पावर प्लांट के अंतर्गत मुख्य पहुंचमार्ग जो फोर लेन का बनाया जाना था, जिसका ग्राम बंगरिया एवं ग्राम गंगापुरवा से अवैध कब्जा हटाया गया। यही नहीं, प्लांट के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि गाटा संख्या-88 मी. रकबा 0.4410 हेक्टेयर एवं रेलवे लाइन के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि पर प्राथमिकता के आधार पर कब्जा दिलाया जा चुका है। इसके अलावा कई और गंभीर मामलों पर पोर्टल पर त्वरित सुनवाई के बाद एक्शन लिया गया है। इनमें दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर, टांडा थर्मल पावर प्लांट, ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर्स और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट समेत कई महत्वपूर्ण मामलों का निस्तारण शामिल हैं। फिलहाल जो मामले लंबित हैं, उनमें रेलवे, एनर्जी, रोड एवं हाईवे, सिविल एविएशन व कम्युनिकेशन से जुड़े हैं।

डीपीआईआईटी की संस्थागत व्यवस्था है पीएमजी
दरअसल, परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी) डीपीआईआईटी की संस्थागत व्यवस्था है। इसका उद्देश्य भारत में पांच सौ करोड़ रुपए से ऊपर की परियोजनाओं की समस्याओं का समाधान करना और नियामक बाधाओं को दूर करना है। इनवेस्ट इंडिया पीएमजी को लागू करने में समर्थन देता है। इनवेस्ट इंडिया राज्यों के साथ समस्याओं को चिन्हित करता है। पीएमजी सभी सार्वजनिक निजी तथा सार्वजनिक निजी साझेदारी (पीपीपी) परियोजनाओं के अनसुलझे विषयों को देखता है और स्वीकृति में तेजी, क्षेत्र को नीतिगत विषयों और बाधाओं को दूर करने का काम करता है। डीपीआईआईटी को चुनौतियों का सामना करने वाली सार्वजनिक और निजी परियोजनाओं की समीक्षा के लिए नोडल निकाय के रूप में अधिदेशित किया गया है जो पीएमजी के माध्यम से उनके समाधान की सुविधा प्रदान करता है। प्रमुख क्षेत्रों की कई परियोजनाएं हैं जिनके लिए पीएमजी समस्याओं का समाधान करता है।


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