लखनऊ: गर्भवती महिला और एक बच्चे की अच्छी ग्रोथ के लिए किन पोषक तत्वों की जरूरत होती है भला यह एक मां से बेहतर कौन जान सकता है। ऐसे में फतेहपुर की मालवा ब्लॉक की वंदना देवी ने योगी सरकार की ओर से चलाई जा रही टेक होम राशन योजना से जुड़कर न केवल बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से उनके घर तक पुष्टाहार पहुंचा रही हैं बल्कि योजना से जुड़कर अपने परिवार को भी आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं।

योगी सरकार ने हमें सम्मान के साथ डिसीजन मैकिंग भी बनाया
मालवा ब्लॉक में जागृति प्रेरणा महिला लघु उद्योग (टीएचआर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट) टेक होम राशन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट चलाने वाले स्वयं सहायता समूह की सदस्य की अध्यक्ष वंदना देवी ने बताया कि जिस यूनिट को पुरुषों द्वारा चलाया जाना चाहिये था, उसे आज योगी सरकार की बाल विकास योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है। सरकार की इस पहल ने मुझे जहां समाज में सम्मान दिलाया है वहीं इससे हम महिलाअों में एक व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने का विश्वास भी जागा है। वंदना बताती हैं कि 20 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आठ-आठ घंटे की दो शिफ्ट में यूनिट को चलाया जा रहा है। सरकार की टेक होम राशन योजना से करीब 60,200 महिला स्वयं सहायता समूह को शामिल किया गया है, जो गांव और ब्लॉक में पौष्टिक आहार पहुंचा रही हैं। उन्होंने बताया कि समूह की अधिकांश महिलाएं एससी और ओबीसी समुदायों से आती हैं, जो योगी सरकार के हर वर्ग को रोजगार से जोड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वंदना ने बताया कि जागृति प्रेरणा महिला लघु उद्योग वर्तमान में ब्लॉक में 282 आंगनबाड़ियों को टेक होम राशन वितरित करता है और ब्लॉक में 6 महीने से 3 साल, 3 साल से 6 साल के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और किशोर लड़कियों सहित कुल 25677 लोगों को पौष्टिक आहार पहुंचाया जा रहा है।

43 जिलों में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से हो रहा पौष्टिक आहार का उत्पादन
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक भानु गोस्वामी ने बताया कि पौष्टिक रेडी-टू-ईट टेक-होम आहार के उत्पादन और आपूर्ति के लिए 43 जिलों के 204 ब्लॉक में एक-एक यूनिट की स्थापना की गई है। इससे करीब 485 विकास खंडों में पौष्टिक आहार पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भविष्य में प्रदेश के हर जिले में यूनिट की स्थापना की जाएगा, जहां से प्रदेश के सभी 826 विकासखंडों में पौष्टिक आहार का उत्पादन और आपूर्ति की जाएगी। अभी फिलहाल 204 यूनिट में से 36 यूनिट ही योजना से जुड़ सकी हैं शेष यूनिट में जल्द की पौष्टिका आहार का उत्पादन शुरू हो जाएगा। स्वयं सहायता की महिलाएं यूनिट के जरिए दो शिफ्ट में रोजाना 5 मीट्रिक टन का उत्पादन कर रही हैं। अब तक कुल 3500 मीट्रिक टन से अधिक का उत्पादन किया जा चुका है। इस पहल से आने वाले समय में करीब 1.77 करोड़ लोगों को फायदा होगा। सभी यूनिट के शुरू होने से 4 हजार से अधिक ग्रामीण महिलाआें को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

महिलाएं ही लेती हैं सारे फैसले
योगी सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं 5,000 करोड़ रुपये का वार्षिक व्यापार कर वह सशक्त तो बनें हीं साथ में स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार दे सकें। इस योजना से जहां महिलाआें को प्रतिवर्ष 96000 रुपये की आय हो रही है वहीं स्वयं सहायता समूह की 7 लाख से अधिक सदस्यों को इससे जोड़कर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। एक यूनिट की निर्माण और संचालन में सालाना एक करोड़ का खर्च आता है, जो पूरी तरह स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है। ऐसे में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ही इसके संचालन से लेकर अन्य सारे फैसले वह खुद लेती हैं।


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