अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर हर साल वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। इस गणना के अनुसार इस साल वाल्मीकि जयंती 9 अक्टूबर को है

गोरखपुर। सनातन धर्म-संस्कृति के उन्नयन तथा रामराज्य की परिकल्पना में रामायण जैसे कालजयी महाग्रन्थ की रचना कर योगदान देने वाले आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती योगी सरकार इस वर्ष भी भव्यता से मनाएगी। इसके लिए विकास खंड स्तर पर तैयारी की जा रही है। रामायण काल, महर्षि वाल्मीकि, श्रीराम से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों के साथ ही सभी प्रमुख श्रीराम व हनुमान जी के मंदिरों को सजाकर वहां रामायण पाठ के साथ भव्य दीपदान का फरमान सरकार की तरफ से दिया गया है। शासन की मंशा का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए गोरखपुर में जिलाधिकारी ने सीडीओ, सभी एसडीएम, उप निदेशक बौद्ध संग्रहालय तथा क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं।

अश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर हर साल वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है। इस गणना के अनुसार इस साल वाल्मीकि जयंती 9 अक्टूबर को है। महर्षि वाल्मीकि को रामायण महाग्रन्थ की रचना कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की गाथा, उनके त्याग, मर्यादाओं के पालन, एवं कर्तव्य परायणता भरे आदर्श जीवन के संदेश को देश-दुनिया मे जन जन तक पहुंचाने का श्रेय जाता है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीते पांच साल से पूरे प्रदेश में प्रति वर्ष वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाए जाने की शुरुआत हुई। बतौर मुख्यमंत्री चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि के आश्रम पर जाकर श्रद्धा निवेदित करने का श्रेय भी योगी आदित्यनाथ को ही जाता है। सीएम में महर्षि वाल्मीकि के चित्रकूट स्थित आश्रम का कायाकल्प कराते हुए इसे सांस्कृतिक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित कराया है।

महर्षि वाल्मीकि जयंती पर होने वाले आयोजनों को लेकर एक बार फिर विकास खण्ड स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस संबंध में प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने सभी मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों को विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं। वाल्मीकि जयंती पर शासन की मंशा जिलों में विकास खण्ड स्तर तक रामायण काल से जुड़े सभी स्थलों, श्रीराम-हनुमान मंदिरों पर 8, 12 अथवा 24 घण्टे के रामायण पाठ कराने के साथ भव्य दीपदान कार्यक्रम की है। इस आयोजन को संस्कृतिक दलों, कलाकारों का चयन कर पूर्ण करने की जिम्मेदारी संस्कृति एवं सूचना विभाग को दी गई है। वाल्मीकि जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों को लेकर हुई तैयारियों की समीक्षा 8 अक्टूबर की शाम को शासन की तरफ से नामित नोडल अधिकारी द्वारा की जाएगी।


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