उत्तर प्रदेश में 2017-18 से लेकर अबतक 48.21 लाख किसानों को मिल चुकी है 3957.38 करोड़ रुपये की फसल बीमा क्षतिपूर्ति
- ऋण माफी से लेकर फसल क्षतिपूर्ति तक बहुत लंबी है किसान हित के निर्णयों की फेहरिस्त
लखनऊ, किसानों के हर संकट में साथ योगी सरकार। यह सिर्फ नारा नहीं हकीकत है। योगी आदित्यनाथ की सरकार के पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में कृषि ऋण माफी से लेकर अबतक किसानों के हितों की फेहरिस्त बहुत लंबी है। मौसम की आफत में राहत, संकट से बचाव, खेत की तैयारी से लेकर उत्पाद की बिक्री तक, सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रही। यहां तक कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से कटाई, मड़ाई उत्पाद के विक्रय और नई फसल के कृषि निवेश जुटाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन के कई नियमों को शिथिल कर दिया।
प्रकृति पर किसी का जोर नहीं। लिहाजा अप्रत्याशित मौसम (आंधी, बारिश, ओला आदि) से होने वाली फसलों की क्षति की भरपाई के लिए सरकार न्यूनतम दर पर किसानों का बीमा करती है। अधिकांश किसान बीमा की इस सुविधा का लाभ लें, इसके लिए सरकार उनको प्रोत्साहन भी देती है। नतीजतन बीमा कराने वाले और बीमित राशि पाने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सिर्फ वर्ष 2017-18 से वर्ष 2022-23 खरीफ की अवधि में 48.21 लाख किसानों को 3957.38 करोड़ रुपये के बीमा का लाभ मिला।
सरकार से मिले आंकड़ों के अनुसार फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2022-23 में
10.07 लाख किसानों को 597.6 करोड़ रुपये, 2021-22 में 10.12 लाख किसानों को 938.59 करोड़ रुपये, 2020-21 में 6.38 लाख किसानों को 501 करोड़ रुपये, 2019-20 में 9.69 लाख किसानों को 1093.47 करोड़ रुपये, 2018-19 में 6.06 लाख किसानों को 452.66 करोड़ रुपये, 2017-18 में 5.89 लाख किसानों को 373.98 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। समग्रता में देखें तो पांच साल में बीमा से आच्छादित किसानों की संख्या करीब दोगुनी और इसके जरिये मिलने वाली रकम करीब तीन गुनी हो गई है।
सरकार द्वारा खरीफ एवं रबी मौसम की मुख्य फसलों को ग्राम पंचायत स्तर पर अधिसूचित करते हुए योजना का संचालन किया जा रहा है। इसका लाभ लेने के लिए किसानों को अपने निकटतम बैंक/पैक्स/जनसेवा केन्द्र/बीमा एजेंट या सीधे बीमा कंपनी से बीमा कराना होता है। बीमा से मिली आर्थिक सुरक्षा के बाद भी सरकार अपने स्तर से किसानों की हर संभव मदद करती है।
अक्टूबर के अप्रत्याशित मौसम की मार में भी मददगार रही सरकार
अक्टूबर माह के अंत में जब खरीफ की फसल तैयार थी और किसान रबी की फसलों की तैयारी कर हे थे, उस समय भी इसी तरह अप्रत्याशित बारिश हुई थी। तब भी योगी सरकार किसानों के साथ नजर आयी। तब मुख्यमंत्री की पहल पर किसानों को 33 करोड़ रुपये के दलहनी फसलों के निःशुल्क बीज मिनीकिट के रूप में उपलब्ध कराए गये। इसमें चना (प्रति किट 16 किग्रा) एवं मसूर (प्रति किट 8 किग्रा) के 2.5 लाख मिनीकिट शामिल थे। इसके अलावा प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की उपयोगिता के अनुसार 28 हजार कुंतल दलहनी के अन्य फसलों के बीज भी किसानों को निःशुल्क दिए गये थे।
मौजूदा अप्रत्याशित मौसम में भी किसानों की मददगार बनी सरकार
इसी क्रम में रबी की तैयार फसल के दौरान मार्च एवं अप्रैल के अप्रत्याशित मौसम से फसलों की क्षति की भरपाई के लिए सरकार बारिश एवं ओला से प्रभावित किसानों को मोटे अनाजों का निःशुल्क मिनीकिट दे रही है। बाकी किसानों के लिए ये बीज 50 फीसद अनुदान पर उपलब्ध होंगे। इससे किसानों को मौसम की मार से फौरी राहत मिलेगी। उनको कम समय में बिना किसी खास लागत के पोषक तत्वों से भरपूर जायद की अतिरिक्त फसल भी मिल जाएगी। इससे सरकार की फसल सघनता का मकसद भी पूरा होगा। सरकार के इस कदम से मोटे अनाजों एवं जायद की फसलों का रकबा करीब 2.5 लाख हेक्टेयर बढ़ेगा और उत्पादन दोगुना हो जाएगा। जायद फसलों का आच्छादन बढ़ाने के लिए सरकार 15.31 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी भी दे चुकी है ताकि पूरा दाम लेकर बीज खरीदने वाले किसानों की अनुदान राशि इसी महीने डीबीटी के जरिए किसानों के खाते में पहुंच जाए। जायद एवं मोटे अनाजों के प्रमाणित एवं उन्नतिशील बीजों का वितरण भी कृषि विभाग के स्थानीय केंद्रों से शुरू हो चुका है।
पहले कार्यकाल से ही योगी के लिए किसान सर्वोपरि
उल्लेखनीय है कि अपने पहले कार्यकाल की पहली कैबिनेट में ही सीएम योगी ने लघु-सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के कुल 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया था। वह भी तब, जब पूर्ववर्ती सरकारों की लूट-खसोट के कारण खजाना खाली था। इसका लाभ 86 लाख किसानों को मिला। तबसे यह सिलसिला लगातार जारी है।
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