गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी का त्योहार 19 सितंबर को मनाया जा रहा है

गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि के देवता और शुभ कार्यों के प्रदाता के रूप में पूजा जाता है।

गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस त्योहार का विशेष महत्व है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर घरों, मंदिरों और पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। भक्तगण गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयां अर्पित करते हैं।

गणेश चतुर्थी के त्योहार पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। गणेश जी की मूर्तियों के साथ भव्य शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। लोग ढोल-नगाड़ों और भजनों के साथ गणेश जी की आरती करते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन भगवान गणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है। भक्तगण गणेश जी को विदाई देते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे अगले साल फिर से उनके घर पधारें।

गणेश चतुर्थी का त्योहार एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इस त्योहार पर लोग धर्म, जाति और वर्ग से ऊपर उठकर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी का त्योहार हमें यह संदेश देता है कि हमें हमेशा ज्ञान, बुद्धि और विवेक के मार्ग पर चलना चाहिए।

गणेश चतुर्थी का महत्व:

गणेश चतुर्थी का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस त्योहार पर लोग भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना जाता है, इसलिए लोग उनसे प्रार्थना करते हैं कि वे उनके जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करें। गणेश जी को बुद्धि के देवता के रूप में भी पूजा जाता है, इसलिए लोग उनसे ज्ञान और विवेक की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

गणेश चतुर्थी का त्योहार न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। इस त्योहार के अवसर पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों को एक साथ लाते हैं और उन्हें अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ने का अवसर प्रदान करते हैं।

गणेश चतुर्थी की तैयारियां:

गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाने के लिए लोग कई दिन पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। घरों, मंदिरों और पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। प्रतिमाओं को फूलों, मालाओं और रंगीन रोशनी से सजाया जाता है। भक्तगण गणेश जी की पूजा-अर्चना के लिए आवश्यक सामग्री जैसे मोदक, लड्डू, फल, फूल और दीपक आदि एकत्र करते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह-सुबह भक्तगण गणेश जी की पूजा-अर्चना करते हैं। उन्हें मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयां अर्पित करते हैं। भक्तगण गणेश जी की आरती करते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि:

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए निम्न चरणों का पालन कर सकते हैं:

भगवान गणेश की मूर्ति को घर में स्थापित करें। मूर्ति को पवित्र स्थान पर स्थापित करना चाहिए और फूलों और मालाओं से सजाना चाहिए।

भगवान गणेश का आह्वान करें। ऐसा करने के लिए, आपको निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए:

“ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”

भगवान गणेश को जल, दूध, फूल, और मिठाइयां अर्पित करें।

भगवान गणेश की आरती करें और निम्नलिखित मंत्र का उच्चारण करें:

“गणेश गणेश ऋद्धि सिद्धि दाता।

गणेश गणेश मोदक प्रिया।”

भगवान गणेश से अपनी मनोकामनाएं मांगें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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