किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क की होगी स्थापना
- प्रदेश के लाखों किसानों को सम्मान निधि, भूलेख अंकन केवाईसी व पंजीकरण की मिलेगी जानकारी
- विकास खंड से लेकर प्रदेश स्तर तक सुबह 8 से शाम 8 बजे तक हेल्प डेस्क पर समस्याओं का होगा समाधान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के किसानों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के साथ ही योगी सरकार उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस कड़ी में आगामी 17 अक्टूबर को सरकार पीएम सम्मान निधि की 12वीं किश्त जारी करने को तैयार है। किश्त जारी करने के साथ ही सरकार ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क सुविधा की शुरुआत करने का निर्णय किया है। इस त्रिस्तरीय हेल्प डेस्क के जरिये प्रदेश के लाखों किसान महज एक फोन कॉल पर सम्मान निधि के अलावा भूलेख अंकन ई-केवाईसी व पंजीकरण जैसी समस्याओं का चुटकी बजाते समाधान पा सकेंगे।
त्रिस्तरीय होगी हेल्प डेस्क
ये कॉल सेंटर कम ऑनलाइन हेल्पलाइन डेस्क त्रिस्तरीय होगा। यानी तीन स्तरों पर समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। पहला विकास खंड स्तर पर, दूसरा जनपद स्तर पर और तीसरा प्रदेश स्तर पर। सुबह 8 से शाम 8 बजे तक कृषि विभाग के कर्मी इन हेल्प डेस्क पर किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और निश्चित समय अवधि में इनका समाधान भी करेंगे। कृषि विभाग इन हेल्प डेस्क के लिए योग्य एवं ट्रेंड कर्मी उपलब्ध कराएगा, जो दो शिफ्ट में काम करेंगे। विकास खंड स्तर पर किसानों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अपनी समस्या से अवगत कराना होगा जबकि जनपद और प्रदेश स्तर पर वो एक कॉल से कृषि विभाग के कर्मियों से कनेक्ट हो सकेंगे।
हर समस्या का समाधान
कॉल सेंटर/हेल्प डेस्क के द्वारा कृषि विभाग के कर्मी किसानों के नाम, पिता का नाम, मोबाइल/आधार/ पीएम किसान आईडी नंबर एवं पता के साथ किसानों द्वारा बताई गई समस्या को रिकॉर्ड करेंगे। इसके बाद उनको पीएम किसान सम्मान निधि के मानक के अनुरूप भूलेख अंकन ई केवाईसी एवं पंजीकरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा सम्मान निधि से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी सुना जाएगा और निर्धारित समय में उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। विकास खंड स्तर पर समस्या नहीं सुलझने पर जनपद स्तर और फिर प्रदेश स्तर तक किसान अपनी बात रख सकेंगे।
2.60 करोड़ किसानों को होगा लाभ
गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किश्त 17 अक्टूबर को जारी की जाएगी। प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इन किसानों के खाते में अब तक देश और प्रदेश की डबल इंजन सरकार की ओर से 48,324 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं। यही नहीं, किसानों के हितों को लेकर प्रदेश सरकार किस कदर संवेदनशील है इसका अंदाजा प्रदेश में किसानों को लेकर चलाई जा रही दर्जनों योजनाओं से लगाया जा सकता है। गन्ना किसानों को 19 मार्च, 2017 से अब तक 1,78,608 करोड़ का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है तो पीएम फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 2308487 बीमित कृषकों द्वारा 1645081 हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा कराया गया। किसानों को 40,20,948 करोड़ रुपए फसली ऋण वितरित किया गया। प्रदेश में खेती-बाड़ी में ड्रोन के प्रयोग की शुरुआत हुई। एफपीओ एवं कृषि स्नातकों को 40-50 प्रतिशत अनुदान पर ड्रोन मिल सकेंगे। वहीं भमि सुधार हेतु 602 करोड़ रुपए की पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना लागू की गई, जबकि 27 नवीन मण्डियों का आधुनिकीकरण किया गया और 54 कृषि कल्याण केन्द्रों की स्थापना भी हुई। इतना ही नहीं, पीएम कुसुम योजना के अन्तर्गत किसानों को 10,000 सोलर पम्पों का आवंटन हुआ है तो पीएम किसान मानधन योजना में 249727 लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराये गए हैं।
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