Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the health-check domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/j1pf0zwyqhkx/postinshort.in/wp-includes/functions.php on line 6121
राज्य की अर्थव्यवस्था को मानक बनाने सीएम योगी ने तय किया रोडमैप

■ उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लिए ‘यूपी फ़ॉर यूपी, यूपी फ़ॉर इंडिया, यूपी फ़ॉर ग्लोबल की परिकल्पना की है। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि अब समय उत्तर प्रदेश का है। अपने पोटेंशियल का पूरा लाभ उठाते हुए उत्तर प्रदेश देश के बहुआयामी विकास का सबसे महत्वपूर्ण आधार बनेगा। 

■ यूपी के पोटेंशियल के अनुरूप सेक्टरवार अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीति तय करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए वर्ष 05 वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 2027 तक उत्तर प्रदेश को $1ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के साथ सबका साथ-सबका विकास की नीति का मानक बनेगा। 

■ $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के बड़े लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में एक अहम रणनीतिक प्रयास के क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास पर विश्व प्रसिद्ध कंसल्टेंट एजेंसी ‘डेलॉयट इंडिया’ और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच अनुबंध पत्र हस्ताक्षरित हुए। 

विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

■ देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की समृद्धि  के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने डेलॉयट इंडिया को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। राज्य सरकार के सभी विभागों की ओर से कंसल्टेंट एजेंसी को पूरा सहयोग प्राप्त होगा। अनुबंध के इस ऐतिहासिक अवसर पर डेलॉयट इंडिया को मेरी शुभकामनाएं। 

■ अगले 90 दिनों के भीतर डेलॉयट इंडिया संस्था अद्यतन स्थिति के अनुसार सेक्टरवार अध्ययन करते हुए गहन विवेचना के साथ भावी कार्ययोजना प्रस्तुत करे। कार्ययोजना का परीक्षण मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जाएगा। मंत्री समूह द्वारा इसकी समीक्षा भी की जाएगी।

■ उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। इसके पोटेंशियल को आगे बढ़ाने के लिए कभी सही प्रयास नहीं हुए। कोरोना काल में प्रदेश की क्षमता और संकल्प को सबने देखा और सराहा है। लॉकडाउन की अल्प अवधि को छोड़ दें तो कोविड काल में उत्तर प्रदेश कभी रुका नहीं। हमारी औद्योगिक इकाइयां लगातार चलती रहीं। कोरोना काल को छोड़ दें तो हमारे पास मात्र 03 वर्ष ही मिले थे। बावजूद इसके इन 03 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना करने में हमने सफ़लता पाई है। अगर हम ऐसा कर सकते हैं तो 05 वर्ष में $1ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी जरूर सफल होगा।

■ उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी के लिहाज से बीते 05 वर्ष में बड़ा सुधार हुआ है। आज यहां 05 एक्सप्रेसवे बन रहे हैं, 09 एयरपोर्ट शुरू हो चुके हैं। पहला इन लैंड वाटर-वे वाराणसी से हल्दिया तक संचालित हो रहा है। 

■ प्रदेश के हर जनपद में कुछ न कुछ खास है। इसकी पहचान और प्रोत्साहन आवश्यक है। विकास में क्षेत्रीय असंतुलन न हो। हर क्षेत्र में हर वर्ग को प्रदेश की तरक्की का सीधा लाभ मिलना चाहिए। ऐसे में रीजन आधारित आर्थिक रणनीति तैयार किया जाना आवश्यक है। कार्ययोजना को अंतिम रूप देते समय इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।

■ समग्र विकास के लिए हमने 10 सेक्टर बनाये हैं। प्रत्येक सेक्टर की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव स्तर के अनुभवी अधिकारी को दी गई है। हर सेक्टर के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कार्ययोजना तय की गई है। कार्ययोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सतत मॉनीटरिंग भी की जा रही है। 

■ नीति आयोग द्वारा चिन्हित प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों (बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट, बहराइच और श्रावस्ती) में विकास के सभी मानकों पर सराहनीय कार्य किया जा रहा है। देश के कुल 112 आकांक्षात्मक जिलों में सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने वाले जिलों में हमारे जिले टॉप 20 में शामिल हैं।

■ आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य सरकार ने आकांक्षात्मक विकासखंडों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए विशिष्ट प्रयास प्रारंभ किया है। एक कार्ययोजना तैयार की है। कुल 34 जनपदों में 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का चयन पूर्ण हो गया है। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र के तय 75 इंडिकेटर पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के प्रयास किए जा रहे हैं।

■ हमारे गांवों में मानव संसाधन की पर्याप्त उपलब्धता है। यहां  प्रचुर मात्रा में उर्वर भूमि भी उपलब्ध है। हमें इसका लाभ उठाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया है। उत्तर प्रदेश ने इसे आत्मसात किया है। इस बड़े अभियान को आगे बढ़ाते हुए हमें ‘मेक इन रूरल इंडिया’ की भावना के अनुरूप विस्तार देना होगा। 

■ सनराइज सेक्टर, आईटी आईटीईएस, डेटा सेंटर, पर्यटन सेक्टर, एमएसएमई, कृषि, शिक्षा  और कौशल विकास, फ़ूड प्रोसेसिंग, पॉवर जैसे सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

■ आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने समग्र विकास के लिए हमें ‘रिफॉर्म, परफॉर्म ट्रांसफॉर्म’ का मंत्र दिया है। इस मंत्र को अपनी कार्ययोजना में उतारने का ही परिणाम है कि बीते 05 साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है। देश-विदेश के निवेशकों के लिए सर्वश्रेठ गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की पहचान है। हाल ही (जून 2022) में संपन्न तृतीय ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से ₹80 हजार करोड़ से अधिक की नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई। 

■ अगले वर्ष जनवरी माह में ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन किया जाना प्रस्‍तावित है। यह हमारी कार्ययोजना का हिस्सा है। इस बार हमारा लक्ष्य 10 लाख करोड़ के निवेश का है। यह ग्लोबल इन्वेस्टर समिट वर्ष 2027 तक प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में सहायक होगा। 

■ प्रदेश के पारंपरिक शिल्पकला के प्रोत्साहन हेतु शुरू की गई अभिनव ‘ओडीओपी’ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 05 वर्षों में निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

■ मुझे पूरा विश्वास है कि डेलॉयट इंडिया के वैश्विक अनुभवों के लाभ हमें मिलेगा। सभी विभागों से संस्था को सहयोग-समन्वय प्राप्त होगा। हर प्रदेशवासी अपना सहयोग देने को तत्पर है। सभी के सहयोग से उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने का हमारा साझा संकल्प अवश्य साकार होगा।


यह भी पढ़ें



प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *