लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा निःशुल्क ऑनलाइन संस्कृत भाषा शिक्षण का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा, जिसमें प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक संस्कृत प्रशिक्षक संस्कृत सम्भाषण सिखा रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को प्रशिक्षक अंशु गुप्ता, राधा शर्मा और विनय प्रकाश तिवारी ने ऑनलाइन बौद्धिक सत्र का आयोजन किया, जिसमें लभभग सौ लोग उपस्थित रहें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मेघालय शासन के शिक्षा विभाग के आयुक्त और सचिव डाॅ. ब्रह्मदेव राम तिवारी एवं मुख्य वक्ता के रूप में संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के विभाग संयोजक और दिल्ली सरकार में टीजीटी अध्यापक प्रेम प्रकाश पनेरू उपस्थित रहे।

देश के मूल को जानना है तो संस्कृत की शरण में जाना होगा
मुख्य अतिथि डाॅ. तिवारी ने संस्कृत की प्रतिष्ठा को बताते हुए कहा कि हम सभी को संस्कृत के संरक्षण और वर्धन का संकल्प लेना चाहिये। आधुनिक भारत में कुछ लोग कहते हैं कि संस्कृत भाषा मृत भाषा है जबकि सभी भाषा का निर्गमन ही संस्कृत भाषा से हुआ है। मुख्य वक्ता प्रेम प्रकाश पनेरू ने कहा कि हम सभी अक्सर सुनते हैं कि संस्कृत में सब कुछ है भारतीय चिन्तन, भारतीय दार्शनिक चिन्तन, वैदिक विज्ञान, उपनिषद्, पुराण, हमारे ग्रन्थ सब कुछ संस्कृत में ही विदित है। यदि हम भारत के मूल को जानना चाहते हैं तो हमें संस्कृत की शरण में ही जाना पड़ता है। संस्कृत के बिना हम भारतीय चिन्तन को जान ही नहीं सकते। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के अध्यक्ष डाॅ. वाचस्पति मिश्र एवं निदेशक पवन कुमार के सान्निध्य से हुआ। छात्रा विशु पाण्डेय द्वारा सरस्वती वन्दना और सुमन द्वारा स्वागीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी ।


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