- एक क्लिक में पता चल जाएगी परियोजनाओं की स्थिति, परियोजनाओं में न होगी देरी और न ही बढ़ने पाएगा बजट
- पीएम गति शक्ति योजना से परियोजनाओं की होगी रियल टाइम मॉनिटरिंग, पूरी प्लानिंग के साथ हो सकेगा विकास
- निवेशकों और विभागों को भी नए प्रोजेक्ट की प्लानिंग में होगी आसानी
- प्रदेश के विकास को नई गति देगी ‘गति शक्ति’
- पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत प्रदेश के सभी विभागों के नोडल और टेक्निकल अधिकारियों की होगी कार्यशाला
पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान योजना प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होने वाली है। यह योजना प्रदेश के विकास को नई गति भी देनी वाली है। इसके माध्यम से प्रदेश में चल रहीं परियोजनाओं की स्थिति एक क्लिक में पता चल जाएंगी। परियोजनाओं की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी और पूरी प्लानिंग के साथ विकास हो सकेगा। इससे तय समय और तय बजट में परियोजनाएं पूरी होंगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान को लेकर बैठक की थी, जिसमें उन्होंने अधिकारियो को जरूरी दिशा निर्देश दिए थे। पोर्टल को जल्द लांच करने के लिए प्रदेश के सभी विभागों के नोडल और टेक्निकल अधिकारियों की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसी के तहत शुक्रवार को रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर में सभी विभागों के नोडल और टेक्निकल अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें 20 से अधिक विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। अभी तक चार सौ से अधिक विभागीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका गया है।
फिलहाल, नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों (लेयर्स) को एकीकृत किया जा चुका है। पोर्टल पर भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली पोल, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल और सरकारी भवनों से जुड़ी परियोजनाएं भी लाइव होंगी। इसी प्रकार किसान बाजार, डेयरी, आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक, आबकारी, खाद्य सुरक्षा, सिटी मास्टर प्लान, स्कूल/कॉलेज, मंडी अवस्थापना आदि से जुड़ी परियोजनाओं को लाइव किया जाएगा।
इनवेस्ट यूपी के सीईओ और पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल के टेक्निकल सपोर्ट यूनिट के अध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि पोर्टल पर सभी विभागों से जुड़ी परियोजनाओं को अपडेट किया जा रहा है। इससे प्रदेश का समग्र और व्यवस्थित विकास होगा। निवेशकों और विभागों को भी नए प्रोजेक्ट की प्लानिंग में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि विभागों के अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है, ताकि सौ फीसदी शुद्धता के साथ धरातल पर हो रहे विकास कार्य लगातार अपडेट होते रहें। इसके अलावा तकनीकी सहयोग के लिए नौ विभागों के अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जा रहा है।
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