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जून 2023 तक अयोध्या नगर को बिजली के तारों के मकड़जाल से मिल जाएगी निजात

अयोध्या। भगवान श्रीराम की नगरी के प्राचीन वैभव को दोबारा वापस लाने के लिये योगी सरकार तेजी से काम कर रही है। जहां एक ओर भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर को संवारने का काम भी पूरी रफ्तार से जारी है। इसी क्रम में अयोध्या नगर में बेतरतीब ढंग से फैले बिजली के तारों को भूमिगत करने का काम जोर शोर से चल रहा है। अधिकारियों की मानें तो जून 2023 तक अयोध्या नगर को तारों के मकडजाल से निजात मिल जाएगी।

179.60 करोड़ रुपए की लागत से हो रहा अंडरग्राउंड करने का काम
ऊर्जा मंत्रालय, एनटीपीसी टांडा और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा ‘उज्जवल भारत, उज्जवल भविष्य पावर 2047’ कार्यक्रम के अंतर्गत बिजली के तारों को भूमिगत किया जा रहा है। 179.60 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस काम में एरियल बंडल केबल (एबीसी) डालने का काम तो अक्टूबर तक ही पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या में उजाला योजना के अंतर्गत अबतक 3,81,536 एलईडी लाइट का वितरण किया गया है। इससे विद्युत मांग में 20.22 मेगावाट की कमी आयी है। साथ ही विभाग को 19 लाख रुपये की बचत भी हुई है।

भूमिगत केबल का काम 50 फीसदी पूरा
अधिशाषी अभियन्ता प्रदीप कुमार वर्मा के अनुसार भूमिगत केबल बिछाने की कुल लागत लगभग 180 करोड़ है। अबतक हमने तकरीबन 50 फीसदी काम पूरा कर लिया है। इंटीग्रेटेड पॉवर डेवलपमेंट स्कीम (IPDS) योजना का काम हमने जून 2021 में शुरू किया था, जिसे पूरा करने का लक्ष्य जून 2023 तक है। कार्य की प्रगति को लेकर हम हर हफ्ते बुधवार को रिव्यू मीटिंग करते हैं। उन्होंने बताया कि आगे के काम में रामपथ धाम के चौड़ीकरण के साथ-साथ अंडरग्राउंड केबल डालने का होगा। इसे जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य है।


सांसद लल्लू सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप भगवान राम की नगरी में विकास कार्य गतिमान हैं। इसी कडी में अयोध्या नगर में भूमिगत केबिल डालने का कार्य जून 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा, इससे नगर की खूबसूरती और बढ़ जाएगी। हमारी सरकार अयोध्या के पुराने वैभव को वापस लाने के लिये कटिबद्ध है।

72 करोड़ से 2700 मजरों का विद्युतीकरण
अधिकारी के अनुसार अंडरग्राउंड केबलिंग के अलावा सौभाग्य योजना फेज-1 के तहत 61.80 करोड़ रुपये की लागत से 2,556 मजरों का विद्युतीकरण का कार्य किया गया है। इसमें 1,02,487 घरों का संयोजन कर उन्हें रोशन किया गया है। इसमें से 37,239 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है। इसके अलावा सौभाग्य योजना फेस-2 के अंतर्गत 10.27 करोड़ रुपये की लागत से 147 मजरों का विद्युतीकरण कर 13,260 घरों को रोशन किया गया है। इसमें 807 बीपीएल परिवारों को शामिल किया गया है।

470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन किया गया
उन्होंने बताया कि जिन घरों के लिये विद्युत लाइन निर्माण तथा संयोजन निर्गत किया जाना संभव नहीं था, उन घरों को रोशन करने के लिए सौभाग्य योजना के अंतर्गत ही सोलर पावर पैक (सौर ऊर्जा) से रोशन किया गया है। जनपद में ऐसे 470 घरों को सौर ऊर्जा के माध्यम से रोशन करने का कार्य पूरा कर लिया गया है।

20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण
उन्होंने बताया कि आईपीडीएस योजना के अंतर्गत जनपद में 32.55 करोड़ की लागत से 7 आईपीडीएस टाउन प्रणाली में सुधार का कार्य किया गया है। इसके अलावा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत 20.15 करोड़ रुपए की लागत से विद्युतीकरण एवं निःशुल्क संयोजन निर्गत किये गये हैं।


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