प्रदेश सरकार संस्कृति और संस्कृत भाषा से लगातार लोगों को जोड़ने का काम कर रही है । योगी सरकार संस्कृत संस्थान के वर्षों से जर्जर पड़े भवन की जगह बहुउद्देशीय हाल का निर्माण करा रही है । जिससे लोगों को संस्कृति और संस्कृत भाषा से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही संस्कृत कार्यक्रमों के लिये संस्कृत संस्थान को खुद का भवन मिलेगा । संस्कृत संस्थान के द्बारा संचालित विभिन्न योजनाएँ जैसे सम्भाषण कक्षायें, नाट्य प्रशिक्षण, सिविल सेवा कोचिंग व अन्य कई कार्यक्रम जो अभी तक किराए की जगह पर किये जाते थे अब खुद के भवन में आसानी से आयोजित किए जा सकेंगे।

पिछले वर्ष से यूपी संस्‍कृत संस्‍थान के बहुउद्देशीय हाल का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है जो कि इस वर्ष पूरा कर लिये जायेगा। जिसके बाद सारे कार्यक्रमों का आयोजन आसानी से यही हो सकेगा। संस्‍थान को अपने कार्यक्रमों के लिए बाहर किराए की जगह नहीं लेना पड़ेगी। अब तक संस्‍कृत संगोष्ठियाँ, संस्‍कृत कक्षाएं और बाहर से आए हुए विद्वानों के रुकने के लिए बाहर व्‍यवस्‍था करना पड़ती थी लेकिन अब सारे आयोजन यहीं पर आसानी से हो सकेंगे। इससे संस्‍कृत को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलेगी। संस्‍कृत में होने वाले आयोजनों को करने में कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 जनमानस को संस्‍कृत से जुड़ने का अवसर प्राप्त होगा। संस्कृत संस्थान के बहुउद्देशीय भवन निर्माण के बाद संस्थान पुस्तकालय में संस्कृत  के छात्र आसानी से बैठकर संस्कृत भाषा का ज्ञान ले सकेंगे और शोध से जुड़े अध्ययन को आसानी से कर सकेंगे । संस्कृत भाषा सीखने के लिये जनमानस को एक स्थाई स्थान मिलेगा जहां वे भाषा के साथ संस्कारों को भी सीखेंगे । बाल संस्कार शाला, नाट्य प्रशिक्षण कार्यशाला, सम्भाषण शाला इत्यादि आयोजनों से जनमानस को सनातन संस्कृति से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।


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