अयोध्या में रामभक्त लता जी की स्मृति में चौक के विकास के सम्बंध में मुख्यमंत्री जी ने मुख्य दिशा-निर्देश दिए है।

स्वर कोकिला भारतरत्न, राम भक्त स्व. लता मंगेशकर जी की स्मृति को जीवंत बनाने के लिए अयोध्या में ‘स्मृति चौक’ विकसित करने के विचार के साथ विगत जून माह में एक प्रतियोगिता का अयोजन किया गया था। भगवान राम के सर्वाधिक भजन लता जी ने ही गाए हैं। यह सुखद है कि प्रतियोगिता में प्राप्त प्रविष्टियां, स्मृति चौक को भव्य, प्रतिष्ठित और नैसर्गिक स्वरूप देने की हमारी मंशा को सफल बनाने वाली हैं। 

 स्व. सुश्री लता मंगेशकर चौक वैश्विक डिजाइन प्रतियोगिता में 02 लाख से अधिक छात्रों और 150 से अधिक प्रमुख राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को आम आमंत्रित किया गया था। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, बिहार, मणिपुर, उत्तराखण्ड, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, राजस्थान आदि राज्यों के अनेक नवाचारी रचनात्मक युवाओं ने इस प्रतियोगिता के माध्यम से अपनी कलात्मकता और इनोवेटिव सोच को प्रस्तुत किया है। सभी में कुछ न कुछ अनुपम है, अद्भुत है। अंतिम डिजाइन में सभी प्रविष्टियों के जरूरी विचारों को समाहित किया जाने के निर्देश मुख्यमंत्री जी ने दिए है। 

अयोध्या में नया घाट चौराहा को लता मंगेशकर स्मृति चौक के रूप में विकसित किया जाएगा । यह अयोध्या में सांस्कृतिक महत्व के विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाले प्रमुख स्थल में से एक है। स्मृति चौक पर लता जी के जीवन और व्यक्तित्व को दर्शाने वाले महत्वपूर्ण पहलू जैसे संगीत क्षेत्र में उनकी उपलब्धि, आत्मा को छूने वाली उनकी आवाज, शालीन व्यक्तित्व आदि को स्थान दिया जाएगा। इसके अलावा स्मृति चौक के मध्य में वाग्देवी सरस्वती का प्रतीक ‘वीणा’ को अवश्य चित्रित किया जाएगा। यहां अन्य शास्त्रीय वाद्य यंत्र भी प्रदर्शित किए जाएँगे  चौक के चारों ओर लता जी के संगीत क्षेत्र में सक्रियता के दशकों को प्रदर्शित किए जाने के भी दिशा निर्देश दिए गए है। इसके अलावा दीप स्तंभ और म्यूजिकल फाउंटेन भी बनाया जाएगा। आगामी 31 जुलाई तक इसकी डिजाइन को अंतिम रूप से तय करते हुए प्रस्तुत की जाएँगें । विकास कार्य प्रत्येक दशा में अगस्त माह के अंत तक पूर्ण करने  के दिशा निर्देश दिए गए है।

मुख्यमंत्री ने चौक विकास की कार्ययोजना में अयोध्या की संस्कृति, लोकाचार, यहां के महान इतिहास और यहां के विकास से संबंधित भविष्य की महत्वाकांक्षी रूपरेखा के बीच सामजंस्य होने के भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।स्मृति चौक पर अयोध्या की वैभवपूर्ण समृद्ध विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए तथा चौक के डिजाइन को पैदल चलने वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त सड़क डिजाइन, भूमिगत पार्किंग सुविधाओं के साथ तैयार किया जाए।


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