- किसानों को और मजबूत बनाने के लिए सरकार का एक औऱ कदम…
- प्रदेश का किसान बन रहा है आत्मनिर्भर
- यूपी कोआपरेटिव बैंक का हो रहा डिजिटलाइजेशन
यूपी में किसानों को सस्ते ऋण दिलाने और कृषि में निवेश के लिए योगी सरकार लगातार तत्पर है। इसके लिए सरकार ने किसानों की आय और बढ़ाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। साथ ही सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है जो खासतौर पर किसानों की मदद करेगी।
सहकारी ग्राम विकास बैंक की ओर से किसानों को कृषि यंत्र, पशुपालन, भूमि सुधार के लिए 323 शाखाओं के माध्यम से ऋण दिया जा रहा है। अल्पकालीन ऋण के तौर पर साल 2019 से लेकर 2020 तक किसानों को 6150.21 करोड़ रुपये का वितरण किया गया है. इसके बाद 2020-2021 में 7085.59 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया है। इसमें कुल 17 लाख से ज्यादा किसानों को लाभ मिला है। इसी तरह 2021 से मार्च 2022 तक 7556.91 करोड़ रुपये ऋण वितरित किया गया है। इसके बाद जून 2022 तक किसानों को 5313.40 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। दरअसल, सहकारिता विभाग में अधिकोषण योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को-आपरेटिव बैंक और जिला स्तर पर 50 जिला सहकारी बैंकों की 1 हजार 260 शाखाओं और न्याय पंचायत स्तर पर 7 हजार 479 पैक्स स्थित हैं जिनके जरिये किसानों की ऋण संबंधित समस्याओं को दूर किया जा रहा है।
प्रदेश में यूपी कोआपरेटिव बैंक जिला सहकारी बैंकों के साथ मिलकर किसानों के लिए काम कर रहा है। ये बैंक अपने किसान ग्राहकों को आरटीजीएस, एसएमएस अलर्ट, सीटीएस, डिजिटलाईजेशन समेत कई प्रकार की सुविधाएं दे रहे हैं। जिला सहकारी बैंकों में 142 एटीएम का संचालन किया जा रहा है। साथ ही 58 मोबाइल वैन भी उपलब्ध हैं जिससे किसानों को बैंकिंग की सुविधा आसानी से मिल रही है। अब तक इन मोबाइल एटीएम के माध्यम से लगभग 822.00 करोड़ रुपये का लेन-देन हो चुका है.
उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक को रिजर्व बैंक की केंद्रीय भुगतान प्रणाली से आरटीजीएस और एनईएफटी के लिए कोड मिला है, जिसमें बैंक को सलाना 19 करोड़ रुपये की बचत हुई है। प्रदेश के 42 जिला सहकारी बैंक भी इसी तर्ज पर कार्य कर रहे हैं।
इसके अलावा फूड कन्सोर्टियम में भी उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक भाग ले रहा है। इस क्षेत्र में सलाना 1600 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है।
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