रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी जीआईएस 23 के डिफेंस कॉरिडोर पर आधारित सत्र को किया संबोधित
- कहा- डिफेंस इक्यूपमेंट का पूरी तरह भारतीयकरण करने के लिए एकजुट होकर काम करें उद्यमी
- सुरक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की पहली जरूरत
- सुरक्षित राष्ट्र में ही धर्म-कला और संस्कृतियां फलती फूलती हैं
- यूपी में ब्रह्मोस ही नहीं आने वाले वक्त में बनेंगे सैटेलाइट
लखनऊ, जो उत्तर प्रदेश कभी देश की अर्थव्यवस्था को बट्टा लगाता था, आज वही इस देश का ग्रोथ इंजन बन चुका है। यूपी में डिफेंस कॉरिडोर देश को रक्षा के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा प्रयास है। हमारी रक्षा व्यवस्था का पूरी तरह भारतीयकरण तभी संभव है जब हम इक्यूपमेंट, पार्ट्स और मैन्यूफैक्चरिंग में भी स्वदेशी तकनीक और सामान का प्रयोग करें। ये बातें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को यूपी जीआईएस 23 के दौरान ‘एडवांटेज उत्तर प्रदेश : डिफेंस कॉरिडोर’ विषय पर आधारित महत्वपूर्ण सत्र को संबोधित कारते हुए कही।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यूपी में किसी भी ऊंचाई तक जाने का पूरा सामर्थ्य है। मैं इस प्रदेश की क्षमताओं से भली भांति परिचित हूं। आने वाले समय में यूपी का डिफेंस कॉरिडोर देश की सामरिक शक्ति का बैकबोन साबित होगा। आज यूपी में लॉ एंड ऑर्डर पर विशेष और उल्लेखनीय उपलब्धि मिली है। इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टीविटी पर बहुत तेज गति से काम हुआ है। पहले यहां की व्यवस्था कैसी थी हम सब जानते हैं। योगी सरकार ने आज यूपी को निवेश के लिए पूरी तरह से अनुकूल बना दिया है। यूपी डिफेंस के क्षेत्र में भारत सरकार के विजन को धरातल पर उतारने का कार्य करेगा। यह डिफेंस कॉरिडोर भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने वाला और ऊंचाई प्रदान करने वाला रनवे साबित होगा। वर्तमान सदी भारत की सदी होगी और भारत में भी ये सदी उत्तर प्रदेश की होगी। यूपी 2027 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनने जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए सुरक्षा सबसे जरूरी चीज है। कला, संस्कृति, ज्ञान के मामले वही समाज आगे होते हैं जो सुरक्षित होते हैं। वह दिन दूर नहीं जब सुरक्षा के क्षेत्र में भारत पूरी तरह आत्मनिर्भर होगा।
इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान, रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने विचार व्यक्त किए। सत्र में यूपीईडा के सीईओ अरविंद कुमार, पीटीसी इंडस्ट्रीज लि के एमडी सचिन अग्रवाल, रिटायर्ड एयर मार्शल डी सी कुमारिया, जेंसर ऐरोस्पेस के एमडी अरुणाकर मिश्र, आईआईटी टेक्नोपार्क के सीईओ जीएम कामथ, सिडनी यूनिवर्सिटी के सलवास्टोर बाबोन, रिटायर्ड कर्नल के वी कुबेर मौजूद रहे।
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