लखनऊ: आजादी का अमृत महोत्सव हमें पिछले 75 वर्षों की यात्रा पर नये सिरे से मंथन के साथ ही आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना तैयार करने के लिये भी प्रेरित कर रहा है। आजादी का ये अमृत महोत्सव 75 वर्ष की हमारी यात्रा के आत्मावलोकन का अवसर प्रदान कर रहा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सब एरिया सेंट्रल कमांड में आयोजित वीरता पुरस्कार विजेताओं एवं वीर नारियों के सम्मान समारोह पर कही। उन्होंने 16 वीरता पुरस्कार विजेताओं और  वीर नारियों को सम्मानित किया| मुख्यमंत्री ने कहा कि नया भारत दुनिया के सामने नये विश्वास का प्रतीक बनकर उभरा है और इसमें भारत के वीर जवानों का अहम योगदान है। 

अमृत महोत्सव से जुड़कर महसूस कर रहे गौरवान्वित

मुख्यमंत्री ने सूर्य कमान के युद्ध स्मारक स्मृतिका पर पुष्पांजलि अर्पित कर अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने  अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे जवान देश की सुरक्षा, संप्रभुता, एकता अखंडता को स्थापित करने के लिए तत्पर हैं। इतना ही नहीं दुनिया में शांति स्थापना के लिए जब कभी भारत का आह्वान हुआ तब हमारे जवानों ने वहां जाकर अपने पूरे शौर्य और पराक्रम का परिचय देते हुए उन देशों में राहत देने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये हम सबका सौभाग्य है कि हम सब देश के अमृत महोत्सव के साक्षी बन रहे हैं। अगणित बलिदानों के फलस्वरूप हमारे देश को स्वाधीनता प्राप्त हुई है। इसके बाद भारत को चार युद्धों से जूझना पड़ा। देश की सुरक्षा, एकता और अखंडता को अक्षुण बनाए रखने के लिये हमारे बहादुर जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सीएम ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत को साकार करने के लिये अमृत महोत्सव का ये आयोजन केवल सरकारी आयोजन भर नहीं है। इसके साथ हर भारतीय जुड़ा है। वो चाहे सरकार के साथ हो, गांव का किसान हो, विद्यार्थी हो, श्रमिक हो या समाज के किसी भी क्षेत्र का हो, हर व्यक्ति देश की आजादी के अमृत महोत्सव के साथ जुड़ कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। 

जवान बलिदान देने में कभी संकोच नहीं करता

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत केवल खाद्यान के क्षेत्र में ही आत्मनिर्भर नहीं है, बल्कि हम रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। देश के दो डिफेंस कॉरिडोर में से एक उत्तर प्रदेश में बनने का रास्त भारत सरकार ने प्रशस्त किया है। आज हर देशवासी के मन में सेना के प्रति सम्मान का भाव है। इसके पीछे कारण ये है कि हमारा जवान हमेशा देश के बारे में सोचता है। नेशन फस्ट की थ्योरी के साथ खुद को समर्पित करता है  और सर्वोच्च बलिदान देने में कभी संकोच नहीं करता। 

बलिदान होने वाले सैनिक परिवार को दे रहे 50 लाख की सहायता धनराशि

अमृत महोत्सव को लेकर राज्य सरकार ने ये व्यवस्था बनायी है कि हर जिले में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सर्वोच्च प्राथमिकता शहीद परिवारों को सम्मान देना हो।  ये हमारी सरकार के कार्यक्रम का हिस्सा भी है। वर्ष 2017 में हमने सबसे पहले ये कानून बनाया कि बलिदान होने वाले सैनिकों के परिवार को 50 लाख की सहायता प्रदान की जाए। साथ ही बलिदानी सैनिक के परिवार के किसी सदस्य को अगर शासकीय सेवा में नौकरी की आवश्यक्ता है तो हम देंगे, क्योंकि वो देश के लिये समर्पित हुआ है, उसने देश के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया है। ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उसके परिवार की परवरिश करें और मजबूती के साथ उस परिवार के साथ खडे़ हों। साथ ही हमने ये भी सुनिश्चित किया है कि जिस जनपद का वो जवान है वहां उसके नाम पर एक स्मारक का निर्माण हो, सड़क का नामकरण होने के साथ उसके गांव का भी नामकरण हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेंट्रल कमांड के द्वारा मुझे वीर जवानों और माताओं के सम्मान के लिये आमंत्रित किया गया, ये मेरे लिये गौरव की बात है। जिन वीर माताओं और वीर जवानों के परिवारजनों को आज सम्मानित किया गया है, मैं उन सभी का हृदय से अभिनंदन करते हुए भारत माता के उन सभी वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने अपना सर्वोच्च बलिदान भारत की सुरक्षा, संप्रभुता, एकता और अखंडता के लिए दिया है।


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