जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी और यूक्रेन संकट से निपटने में विफल रहने पर पीएम मोदी ने यूएन पर साधा निशाना

बाली। इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार को 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हुई, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वैश्विक नेता शिरकत कर रहे हैं। दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के पहले दिन का पहला सत्र खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा विषय पर आयोजित हुआ, जिसमें पीएम मोदी ने अपना संबोधन दिया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी और यूक्रेन संकट को हाल में विश्व की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए इनके समाधान पर जोर दिया। उन्होंने इन समस्याओं से निपटने में विफल रहने पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की आलोचना की। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हमें इस बात को स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि यूएन जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं। हम सभी इनमें उपयुक्त सुधार करने में भी असफल रहे हैं। इसलिए आज जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, हमारे समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।’’


यूक्रेन में बातचीत एवं कूटनीति के जरिए संघर्ष विराम के अपने आह्रान को दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘‘पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है। समय की मांग है कि हम विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं। मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 बुद्ध और गांधी की पवित्र भूमि पर आयोजित होगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को एक मजबूत शांति-संदेश देंगे।’’


इसके अलावा अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने खाद की किल्लत को बड़ा संकट बताते हुए इसके समाधान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत मिलेट्स (मोटा अनाज) जैसे पौष्टिक और पारंपरिक खाद्यान्न को फिर से लोकप्रिय बनाने में जुटा है। पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मिलेट्स से वैश्विक कुपोषण और भुखमरी का भी समाधान हो सकता है। हम सभी को अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष जोर-शोर से मनाना चाहिए।’’
ऊर्जा सुरक्षा के विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमें एनर्जी की सप्लाई पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए तथा एनर्जी बाजार में स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए। भारत क्लीन एनर्जी और पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्ध है। 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से पैदा होगी।’’
मंगलवार को दूसरा सत्र स्वास्थ्य विषय पर आयोजित हुआ और इस सत्र में भी पीएम मोदी ने भाग लिया। पहले सत्र में उनके संबोधन से यह समझा जा सकता है कि भारत अब दुनिया के ताकतवर देशों को समस्याओं के समाधान सुझाने के साथ ही उनके निवारण के लिए भी मार्ग प्रशस्त कर रहा है। भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि उसमें विश्व के समक्ष खड़ी चुनौतियों से पार पाने का साहस भी है और सामर्थ्य भी है।

अमेरिकी राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी
जी-20 शिखर वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से गर्मजोशी से मुलाकात की। उन्होंने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि जैसे भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग सहित भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की समीक्षा की। उन्होंने क्वाड जैसे नए समूहों में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग के बारे में संतोष व्यक्त किया। पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से भी मिले। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के पीएम और भारतीय मूल के ऋषि सुनक से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक वार्ता हुई। पीएम मोदी ने नीदरलैंड के पीएम मार्क रूट के साथ भी बातचीत की।

चिर-परिचित अंदाज में भारतीय मूल के समुदाय को किया संबोधित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आयोजित एक स्वागत समारोह में बाली में रहने वाले भारतीय मूल के करीब 800 लोगों को भी संबोधित किया। भारतीय मूल के लोगों में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में विकास के लिए भारत और इंडोनेशिया एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। उन्होंने ओड़िशा के कटक में हर साल आयोजित होने वाले बाली जात्रा (यात्रा) का जिक्र करते हुए भारत और इंडोनेशिया को आपस में जोड़ने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने भारत और इंडोनेशिया की साझा प्राचीन संस्कृति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, ‘‘बाली की ये भूमि महर्षि मार्कन्डेय और महर्षि अगस्त्य के तप से पवित्र है। भारत में अगर हिमालय है, तो बाली में आंगुग पर्वत है। भारत में अगर गंगा है, तो बाली में तीर्थ गंगा है। हम भी भारत में हर शुभ कार्य का श्रीगणेश करते हैं। यहां भी श्री गणेश घर-घर विराजमान हैं।’’ उन्होंने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों को 8-10 जनवरी, 2023 को इंदौर में होने वाले प्रवासी भारतीय कार्यक्रम में लिए भी आमंत्रित किया।

बुधवार को भी व्यस्त रहेगा शेड्यूल
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार की सुबह पीएम मोदी अन्य सदस्य देशों के नेताओं के साथ बाली के निकट एक मैंग्रोव फॉरेस्ट का भी दौरा करेंगे। दोपहर को डिजिटल ट्रांसमिशन पर एक सत्र आयोजित होगा। इसके अलावा पीएम मोदी कई अन्य देशों के नेताओं से भी मिलेंगे और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे।

इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने किया पीएम मोदी का स्वागत
15-16 नवंबर को जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी 14 नवंबर की रात बाली पहुंचे थे। शिखर सम्मेलन के आधिकारिक तौर पर शुरू होने से पहले सोमवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आयोजन स्थल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया।

सांकेतिक तौर पर भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपेगा इंडोनेशिया
सम्मेलन के समापन सत्र में इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति सांकेतिक तौर पर जी-20 की अध्‍यक्षता प्रधानमंत्री मोदी को सौंपेंगे। भारत इस वर्ष 1 दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 के अध्‍यक्ष का कार्यभार ग्रहण करेगा।


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