मुख्तार अंसारी द्वारा अवैध तरीकों से बनाई गई 605 करोड़ से अधिक की संपत्ति को योगी सरकार ने जब्त और ध्वस्त करा दिया है

लखनऊ, यूपी को माफिया मुक्त प्रदेश बनाने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प लगभग पूरा हो चुका है। कभी पूरे उत्तर भारत को अपने माफिया नेक्सस से आतंकित रखने वाले मुख्तार अंसारी की पूरी सल्तनत मिट्टी में मिल चुकी है। योगीराज में माफिया के खिलाफ ना सिर्फ अदालतों में प्रभावी पैरवी चल रही है और एक के बाद एक उसके जघन्य अपराधों की सजा मिल रही है, बल्कि कोर्ट से बाहर भी मुख्तार के पूरे माफिया साम्राज्य को तहस नहस करने की कार्रवाइयां लगातार चल रही हैं। इसी का नतीजा है कि मुख्तार अंसारी द्वारा अवैध तरीकों से बनाई गई 605 करोड़ से अधिक की संपत्ति को योगी सरकार ने जब्त और ध्वस्त करा दिया है।

बता दें कि योगी सरकार द्वारा मुख्तार अंसारी के खिलाफ प्रभावी पैरवी का ही नतीजा है कि बीते 15 महीने में माफिया को 7 मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इसमें उम्रकैद जैसी अधिकतम सजा भी शामिल है। मुख्तार के खिलाफ कुल 65 मामले दर्ज हैं। वहीं माफिया के नेक्सस को तोड़ने के लिए उसके पूरे गैंग के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया, जिसमें उसके 292 सहयोगियों के खिलाफ अबतक 160 मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इतना ही नहीं उसके 186 सहयोगियों की अबतक गिरफ्तारी भी हो चुकी है।

कानून व्यवस्था को लेकर योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का ही परिणाम है कि मुख्तार के गैंग के 18 सदस्य ने तो सरेंडर करने में ही अपनी भलाई समझी। मुख्तार के माफिया नेक्सस को तोड़ने की कार्रवाई में पुलिस ने 175 अवैध हथियारों को भी जब्त किया है। अपने माफिया नेटवर्क के जोर से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने मुख्तार गैंग पर एनएसए के तहत 6 मामले दर्ज हैं। वहीं माफिया के पांच शूटर्स पुलिस मुठभेड़ में पहले ही ढेर किये जा चुके हैं।

माफिया के आर्थिक साम्राज्य को नेस्तनाबूद करने के लिए धारा 14(1) के तहत 317 करोड़ 97 लाख 90 हजार 709 रुपये की सम्पत्ति अबतक जब्त की जा चुकी है। यही नहीं 287 करोड़ 56 हजार 810 रुपए की अवैध संपत्ति को कब्जामुक्त और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को भी योगी राज में अंजाम दिया जा चुका है। यानी अबतक कुल 604 करोड़ 98 लाख 47 हजार 519 रुपए की माफिया की संपत्ति को जब्त, ध्वस्त और कब्जामुक्त कराया जा चुका है। सबसे अहम बात ये कि माफिया के आतंक से चलने वाले ठेका, टेंडर और अवैध व्यवसायों पर भी योगी सरकार ने जबरदस्त चोट पहुंचाई है। परिणामस्वरूप प्रतिवर्ष माफिया के अवैध धंधों को 215 करोड़ से अधिक की चपत लग रही है।


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