Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the web-stories domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/j1pf0zwyqhkx/postinshort.in/wp-includes/functions.php on line 6114
Fatehgarh :कैदियों के बनाए रामनामी पटके और गमछे धार्मिक स्थलों पर मचाएंगे धमाल

बंदियों को स्वरोजगार के साथ धार्मिक आस्था से भी जोड़ेगी योगी सरकार

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को न सिर्फ रोजगार से जोड़ रही है बल्कि उन आस्था के प्रति सम्मान का भाव लाने का भी प्रयास किया जा रहा है। जो कैदी अपने अतीत को भुलाकर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनना चाहते हैं, सरकार उन्हें हर सुविधा उपलब्ध करा रही है। इस क्रम में फतेहगढ़ कारागार के महिला और पुरुष कैदी ओडीओपी योजना के तहत ब्लॉक प्रिंटिंग कला का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। वह प्रशिक्षण के जरिये रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय नाम के प्रिंटिंग पटका, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, जिसे अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और चित्रकूट समेत प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए सप्लाई किया जाएगा। जेल प्रशासन कैदियों को पटका, दुपट्टा और गमछा बनाने का निर्धारित पारिश्रमिक देने के साथ इससे होने वाली आय को 10 प्रतिशत सरकारी खाते में जमा करने के बाद कैदियों में बांट देगा। इतना ही नहीं इन कैदियों को रोजगार मेले के जरिए रोजगार भी दिलाया जाएगा।

Ramnami Patkas and Gamchas made by prisoners

प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए सप्लाई किए जाएंगे रामनामी पटके, गमछे और दुपट्टे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार, स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। उनका यह संकल्प साकार भी हाे रहा है। सीएम योगी के प्रयास का असर ही है कि प्रदेश में बेरोजगार दर वर्ष 2016 में 18 प्रतिशत थी, जो घटकर अप्रैल 2022 में 2.7 प्रतिशत ही रह गई है। सीएम योगी प्रदेश के हर वर्ग को रोजगार व स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न योजनाओं को भी संचालित कर रहे हैं। उनकी इन्हीं योजनाओं का लाभ उठाकर फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदी आत्मनिर्भर बनने का गुर सीख रहे हैं। डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि ओडीओपी योजना के तहत फतेहगढ़ जेल के महिला और पुरुष कैदियों को ब्लॉक प्रिंटिंग का प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है, जिसमें वह रामनामी, राधे-राधे, ओम नम: शिवाय की छाप के छपे पटके, दुपट्टे और गमछे तैयार कर रहे हैं, जिसे अयोध्या, मथुरा, वाराणसी और चित्रकूट समेत प्रदेश के अन्य धार्मिक स्थलों पर बिक्री के लिए भेजा जाएगा। इसके साथ ही फर्रूखाबाद में गंगा के तट पर लगने वाले रामनगरिया मेले में भी इनकी बिक्री की जायेगी। वहीं इस कार्य के लिए कैदियों को 40 रुपये प्रतिदिन पारिश्रमिक देने के साथ बाजार में इनकी बिक्री से होने वाली आय के लाभ के 10 प्रतिशत हिस्से को सरकारी खाते में जमा करने के बाद शेष लाभ को आपस में बांट दिया जाएगा।

कैदियों को दिया जाएगा प्रमाण पत्र, उपलब्ध कराया जाएगा रोजगार
डीजी जेल ने बताया कि फतेहगढ़ की 12 महिला कैदियों को आईटीआई की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है जबकि गौतम बुद्ध डवलपमेंट सोसायटी संस्थान की ओर से 35 पुरुष कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में फतेहगढ़ में 39 महिला कैदी हैं जिसमें से 12 ही महिला कैदी प्रशिक्षण प्राप्त करने के लायक हैं शेष महिला कैदी काफी बुजुर्ग होने की वजह से वह प्रशिक्षण लेने में सक्षम नहीं हैं। इसी तरह 1050 पुरुष कैदी हैं जिनमें से पहले चरण में 35 कैदियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण के कैदियों का प्रशिक्षण पूरा होते ही चरणबद्ध तरीके से अन्य कैदियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। कैदियों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्हे प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वहीं आईटीआई की ओर से रोजगार मेले के जरिये कैदियों को रोजगार भी दिलाया जाएगा। इतना ही नहीं स्वरोजगार के लिए कैदियों को प्रमाण पत्र के आधार पर बैंक से रोजगार दिलाने के साथ सरकार की योजना का लाभ दिलाया जाएगा।


यह भी पढ़ें



प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *